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प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर राज्यपाल ने दिये सुझाव

केंद्र और राज्य सरकार दोनों को भेजी गयीं ये सिफारिशें उन राज्यों में शोषण, सामाजिक सुरक्षा के अभाव और खराब जीवन स्तर को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आयी हैं, जहां बड़ी संख्या में बंगाली प्रवासी कामगार काम करते हैं.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘श्रमश्री’ योजना की घोषणा के बाद अब गवर्नर ने केंद्र को भेजीं कई सिफारिशें

संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल के बाहर कथित रूप से प्रताड़ित किये जा रहे राज्य के प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा ‘श्रमश्री’ योजना की घोषणा किये जाने के एक दिन बाद, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इन श्रमिकों के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान के लिए कई सिफारिशें पेश की हैं. राजभवन के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकार दोनों को भेजी गयीं ये सिफारिशें उन राज्यों में शोषण, सामाजिक सुरक्षा के अभाव और खराब जीवन स्तर को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आयी हैं, जहां बड़ी संख्या में बंगाली प्रवासी कामगार काम करते हैं. अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने प्रवासी मजदूरों के लिए किफायती छात्रावास बनाये जाने, ‘एक परिवार एक राशन कार्ड’ की जगह ‘एक नागरिक एक राशन कार्ड’ लागू करने और प्रवासी प्रभावित जिलों में ‘कौशल प्रशिक्षण केंद्र’ खोलने का सुझाव दिया है. साथ ही अनौपचारिक रूप से अर्जित कौशल का प्रमाणन, चौबीसों घंटे बहुभाषी हेल्पलाइन, कानूनी सहायता व मध्यस्थता सेवाओं की स्थापना और प्लेसमेंट एजेंसियों की विशेष निगरानी की भी सिफारिश की है. राज्यपाल ने प्रस्तावित पंजीकरण पोर्टल को आधार-लिंक्ड, बहुभाषी मंच बनाने की बात कही है. पंजीकरण के बाद प्रत्येक श्रमिक को डिजिटल और भौतिक स्वरूप में ‘प्रवासी श्रमिक कार्ड’ मिलेगा, जो पहचान दस्तावेज के रूप में काम करेगा. इसके जरिये उन्हें स्वास्थ्य सेवा, सूक्ष्म बीमा और बैंकिंग जैसी सेवाओं तक सीधी पहुंच मिल सकेगी, जिससे उनकी शोषणकारी नेटवर्क पर निर्भरता घटेगी.

मुख्य सिफारिशें,

राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्र को भेजी अपनी सिफारिशों में ‘पश्चिम बंगाल प्रवासी श्रमिक पंजीकरण पोर्टल’ बनाने, अन्य राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने और प्रमुख प्रवासी केंद्रों में श्रम कल्याण अधिकारियों (एलडब्ल्यूओ) की नियुक्ति किये जाने पर जोर दिया है.

अन्य राज्यों के साथ किया जाये एमओयू

सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों के साथ एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव है. इससे न्यूनतम वेतन, कार्यस्थल पर सुरक्षा और शिकायत निवारण की व्यवस्था सुनिश्चित होगी. अधिकारी ने कहा कि इन सिफारिशों से प्रवासी श्रमिक नीति की अवधारणा में बड़ा बदलाव आ सकता है और यह अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श बन सकती है.

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