एजेंसियां, नयी दिल्ली-कोलकाता
भाजपा के सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने सोमवार को सरकार से बांग्लादेशी उपन्यासकार तसलीमा नसरीन की सुरक्षित कोलकाता वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया. राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि तस्लीमा ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए अत्याचार के बारे में ‘लज्जा’ जैसी पुस्तक लिखी थी और वहां की मौजूदा स्थिति ने उन्हें 2004 में बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर किया. उन्होंने याद किया कि बाद में उन्हें कोलकाता में शरण मिली, लेकिन एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसे कांग्रेस के एक तत्कालीन नेता ने ‘आयोजित’ किया था. उन्होंने कहा, ‘मैं कांग्रेस नेतृत्व का शुक्रगुजार हूं. कांग्रेस ने उस व्यक्ति को निष्कासित कर दिया. इसके अलावा दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि उस निष्कासन के बाद, तृणमूल ने इस व्यक्ति को स्वीकार कर लिया और फिर उस व्यक्ति को इस देश की संसद में भेज दिया.’
उन्होंने कहा कि स्थिति ने नसरीन को फिर से कोलकाता छोड़ने के लिए मजबूर किया. भाजपा सदस्य ने कहा कि तस्लीमा कोलकाता वापस आकर कविता और उपन्यास लिखना चाहती हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से उनकी कोलकाता वापसी की व्यवस्था करने का आग्रह किया.
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