कोलकाता. हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने बिना किसी पूर्व सूचना के हुगली जिले में स्थित उसके संयंत्र को अवैध रूप से अपने कब्जे में ले लिया है, जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. दूसरी ओर इस आरोप का जवाब देते हुए, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने 2022 में रुग्ण कंपनी से उपयोग नहीं होने के कारण 395 एकड़ जमीन वापस ले ली थी. राज्य भूमि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी को जमीन का इस्तेमाल करने के पर्याप्त अवसर दिये गये, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रही. हिंदुस्तान मोटर्स का उत्तरपाड़ा संयंत्र भूमि अधिकारों और दोबारा अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों के चलते राज्य सरकार के साथ लंबे समय से कानूनी विवाद का विषय रहा है. इस संयंत्र में एक समय प्रतिष्ठित एम्बैसडर कारों का विनिर्माण होता था. हिंदुस्तान मोटर्स ने शेयर बाजार को बताया कि 11 जुलाई को भूमि विभाग के अधिकारियों, पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों के साथ सरकारी अधिकारी कंपनी के परिसर में घुस आये और दस्तावेजों, मशीनरी, उपकरणों तथा लाइसेंसी हथियारों सहित उसकी संपत्ति को ‘गलत तरीके से जब्त’ कर लिया. कंपनी ने कहा: माननीय उच्चतम न्यायालय में हमारी विशेष अनुमति याचिका लंबित होने के बावजूद, पश्चिम बंगाल सरकार के संबंधित विभाग द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए की गयी कार्रवाई ने हमारे प्रयासों की प्रगति को काफी नुकसान पहुचाया है. हिंदुस्तान मोटर्स ने कहा कि उसने राज्य के भूमि एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सचिव को ईमेल भेजकर और प्रत्यक्ष रूप से मिलकर शिकायत की है और विरोध दर्ज कराया है.
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