हुगली.
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार 4 नवंबर से पश्चिम बंगाल में एसआइआर प्रक्रिया की शुरुआत हो गयी है. इसी क्रम में मंगलवार को सिंगूर के दो नंबर ग्राम पंचायत के बूड़ा-शांति इलाके में मतदान स्तर के अधिकारी घर-घर जाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं. उनके साथ मतदान स्तर प्रतिनिधि भी मौजूद थे. नामावली प्रपत्र लेकर सिंगूर के दो नंबर पंचायत क्षेत्र के कई घरों में घूम-घूमकर अधिकारी अपने कार्य में जुटे हुए हैं. मतदान स्तर अधिकारी तपन कुमार माझी ने बताया कि वे घर-घर जाकर नामावली प्रपत्र दे रहे हैं और लोगों को यह भी समझा रहे हैं कि इसे किस प्रकार भरना है. इसमें चित्र, पहचान पत्र संख्या, भाग संख्या आदि विवरण देने होते हैं. उन्होंने कहा, यदि किसी को कोई असुविधा होती है तो वे उनके फोन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. लोगों का अच्छा सहयोग मिल रहा है और वे इस प्रक्रिया में काफी रुचि दिखा रहे हैं. आस-पास के लोग भी आकर देख रहे हैं. इसमें डरने जैसी कोई बात नहीं है.सिंगूर के क्षेत्रीय विकास अधिकारी एवं सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी शौभिक घोषाल ने बताया कि चार नवंबर से एसआइआर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. सिंगूर विधानसभा क्षेत्र में कुल 280 मतदान स्तर अधिकारी कार्यरत हैं और सभी ने अपना कार्य प्रारंभ कर दिया है. यह कार्य प्रतिदिन चलेगा और लगभग एक माह तक जारी रहेगा. घर-घर जाकर नामावली प्रपत्र दिये जायेंगे तथा बाद में इन्हें एकत्र किया जायेगा. यदि निर्वाचन आयोग आवश्यक समझे तो समय-सीमा बढ़ाई भी जा सकती है.
जगाछा में परिचय पत्र नहीं दिखाने पर बीएलओ पर भड़के लोग
दक्षिण हावड़ा विधानसभा क्षेत्र के हावड़ा नगर निगम के वार्ड संख्या 46 के बूथ संख्या 24 पर एसआइआर प्रक्रिया के तहत पहुंची बीएलओ को स्थानीय लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा. घटना की खबर पाकर जगाछा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया. लोगों के गुस्से को देखते हुए बीएलओ वापस लौट गयीं. जानकारी के अनुसार, बागनान के खालोड़ कविगुरु शिक्षा यतन की शिक्षिका अनुपमा दास बीएलओ बनायी गयी हैं. मंगलवार को वह घर-घर जाकर गणना फॉर्म बांट रही थीं. आरोप है कि इसी समय कुछ लोगों ने उन्हें चुनाव आयोग का परिचय पत्र दिखाने के लिए कहा. बीएलओ ने कहा कि अभी तक डीएम कार्यालय से कोई पहचान पत्र नहीं दिया गया है. इससे स्थानीय लोगों के बीच संदेह पैदा हो गया. लोगों ने बीएलओ को घेर लिया. उन्होंने व्हाट्सएप पर चुनाव आयोग द्वारा दिया गया पत्र और अन्य दस्तावेज दिखाये लेकिन लोगों को विश्वास नहीं हुआ. इस दौरान तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया. हंगामे के बाद वहां वहां से चली गयीं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

