कोलकाता. राज्य सरकार ने सोमवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में हलफनामा देकर बताया है कि केंद्र सरकार की वजह से घाटाल मास्टर प्लान अधर में अटकी हुई है. सोमवार को न्यायमूर्ति सुजॉय पाल की खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में शामिल किया करना होगा. अगले चार हफ्तों में मामले की फिर से सुनवाई होने की संभावना है. गौरतलब है कि घाटाल मुख्य रूप से शिलाबती, कंसाबती और द्वारकेश्वर नदियों के पानी के कारण हर वर्ष बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. आरोप है कि केंद्र की वित्तीय कमी के कारण घाटाल मास्टर प्लान को लागू नहीं किया गया है. चुनाव से पहले, राज्य ने घोषणा की कि वह इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 1,250 करोड़ रुपये प्रदान करेगा.
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