कोलकाता.
भारत निर्वाचन आयोग ने बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के काम पर लौटने की समय-सीमा तय कर दी है. आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर वे काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसमें निलंबन जैसी कार्रवाई की बात भी कही गयी है. आयोग ने कहा है कि अगर वे गुरुवार दोपहर 12 बजे तक काम पर नहीं लौटते हैं तो सख्त कार्रवाई की जायेगी. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ जिलों के बीएलओ ने अभी तक एसआइआर प्रक्रिया में भाग नहीं लेने का फैसला किया है. वे तरह-तरह के बहाने बना रहे हैं. जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को बीएलओ के मामले की तुरंत जांच करने का निर्देश दिया गया है. मुर्शिदाबाद समेत कुछ जिलों के बीएलओ के लिए समय-सीमा तय की गयी है. राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण की तिथि और समय की घोषणा तो हो गयी है, लेकिन बीएलओ को लेकर सिरदर्द बना हुआ है. राज्य में 80,000 से ज्यादा बूथों पर बीएलओ की नियुक्ति हो गयी है, लेकिन कुछ जगहों पर पद खाली है. वहां नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं. एसआइआर को लेकर विभिन्न क्षेत्रों में उठे विवाद के कारण कई लोग दोबारा काम करने को तैयार नहीं हैं.सीईओ कार्यालय के अनुसार कुछ जगहों पर बीएलओ को लेकर कुछ समस्याएं हैं. उन समस्याओं का जल्द समाधान करने के प्रयास किये जा रहे हैं. इस स्थिति में आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि यह सरकारी नौकरी है. राज्य सरकार के कर्मचारियों को चुनाव संबंधी कार्यों के लिए नियुक्त किया गया है. वे काम नहीं करेंगे, ऐसा वह नहीं कह सकते. अगर वे नियुक्ति पत्र नहीं लेते हैं तो उन्हें निलंबन जैसी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए.
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