दक्षिण 24 परगना में फर्जी वोटर कार्ड कांड पर कलकत्ता हाइकोर्ट सख्त
संवाददाता, कोलकातादक्षिण 24 परगना के काकद्वीप महकमे में फर्जी वोटर कार्ड बनाने का बड़ा खुलासा हुआ है. आरोप है कि पंचायत से फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर हजारों नाम मतदाता सूची में जोड़े गये. इस पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए चुनाव आयोग से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने आयोग को 10 सितंबर तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. मामला तब सामने आया, जब काकद्वीप के असिस्टेंट सिस्टम मैनेजर, जिन्हें निलंबित किया गया था, ने अदालत में याचिका दायर कर गंभीर आरोप लगाये. उनका कहना है कि पठानखाली ग्राम पंचायत में ऑनलाइन 3558 जन्म प्रमाणपत्र और 558 फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किये गये. आरोप यह भी है कि इन प्रमाणपत्रों के आधार पर बांग्लादेश और पाकिस्तान के नागरिकों को भारतीय पहचान देने की साजिश की गयी. चुनाव आयोग की ओर से अदालत को बताया गया कि जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. आयोग ने स्पष्ट किया कि विशेष संशोधित मतदाता सूची (एसआइआर) के दौरान सभी संदेहास्पद मामलों की जांच होगी और इसके लिए बूथ लेवल एजेंटों की जानकारी मांगी गयी है. आयोग ने यह भी माना कि आरोपित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है. उस पर एक वरिष्ठ अधिकारी के कंप्यूटर की लॉगइन आइडी बदलने की कोशिश का भी आरोप है. हालांकि आयोग के वकील का यह भी कहना था कि इस संबंध में अभी तक कोई प्रत्यक्ष और ठोस शिकायत दर्ज नहीं हुई है. इसके बावजूद हाइकोर्ट ने साफ कर दिया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए 10 सितंबर तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी होगी. यह मामला दक्षिण बंगाल की राजनीति में हलचल पैदा कर रहा है. ग्रामीण इलाकों में लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाणपत्र जारी होने के कैसे आरोप लगे हैं. अगर ऐसा है, तो किनके संरक्षण में यह पूरा खेल चला.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

