संवाददाता, कोलकाता
फिजियोथेरेपिस्ट भी अब अपने नाम के आगे ””डॉक्टर”” लिख सकेंगे. नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशंस (एनसीएएपी) फिजियोथेरेपिस्ट को यह अधिकारी प्रदान किया है, पर किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की फिजियोथेरेपी की पढ़ाई को ही यह अधिकार प्राप्त है. एनसीएएपी के कानून के तहत यह भी कहा गया है कि इस तरह से फिजियोथेरेपी की पढ़ाई करने वाले पेशेवर लोग अपने नाम के आगे ””डॉ ”” और नाम के बाद ””पीटी”” लिखेंगे. एनसीएएपी के इस निर्देशानुसार ही देश भर के फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे डॉक्टर लिख रहे थे. पर हाल में केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर फिजियोथेरेपिस्ट को डॉक्टर लिखने पर रोक लगाया दिया था. हालांकि इस आदे के जारी होने के अगले ही दिन यानी 10 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य महानिदेशालय नया आदेश जारी करते हुए अपने पुराने आदेश को रद्द कर दिया. नये आदेश में कहा गया है कि एक दिन पहले जारी किये गये फैसले पर विचार किया जा रहा है. इसलिए फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा उनके नाम के साथ डॉक्टर लिखने पर रोक नहीं है.वे अपने नाम के आगे डॉक्टर और नाम के पीछे पीटी लिख सकते हैं. बता दे कि स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ सुनीता शर्मा ने नौ सितंबर को भारतीय चिकित्सा संघ (आइएमए) को भेज पत्र में कहा था कि फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर नहीं हैं. इसलिए उन्हें यह उपाधि इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. लेकिन अगले ही दिन उन्होंने इस आदेश को रद्द कर दिया. हालांकि इस संबंध में इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट वेस्ट बंगाल शाखा के पूर्व अध्यक्ष फिजियोथेरेपिस्ट डॉ अरुप कांति साहा ने बताया कि एनसीएएपी हमें यह अधिकार देता है कि हम नाम के आगे डॉक्टर लगा सके.
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