यूपीआइ ने राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी लायी, लेन-देन में भारी वृद्धि दर्ज
संवाददाता, कोलकातापश्चिम बंगाल सहित पूरे देश में डिजिटल पेमेंट का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है. यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआइ) ने न केवल पैसों के लेन-देन को आसान बनाया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पश्चिम बंगाल में भी डिजिटल क्रांति का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है. शांतिनिकेतन के बुनकरों से लेकर बिष्णुपुर के टेराकोटा कारीगरों तक, कोलकाता की मिठाई की दुकानों से लेकर हावड़ा की मछली मंडियों तक सभी तरह के स्थानीय कारोबार डिजिटल पेमेंट को अपना रहे हैं. यह बदलाव लेन-देन को तेज, प्रभावी और आसान बना रहा है. पहले ये कारोबार नकदी पर निर्भर थे, जिसमें नकदी संभालना, खुले पैसों का प्रबंधन करना और बिक्री का रिकॉर्ड रखना जैसे काम समय लेने वाले होते थे. डिजिटल पेमेंट इन पुरानी समस्याओं का समाधान दे रहे हैं. फोनपे जैसी कंपनियों ने बंगाल के व्यापारियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष सेवाएं शुरू की हैं. स्कैन एंड पे क्यूआर कोड : यह उन कारोबारियों के लिए एक सरल और मुफ्त टूल है जो डिजिटल पेमेंट की शुरुआत करना चाहते हैं. फोनपे स्मार्टस्पीकर: भीड़-भाड़ वाली जगहों पर काम करने वाले दुकानदारों के लिए यह बहुत उपयोगी है. यह पेमेंट मिलते ही तुरंत और साफ आवाज में बताता है. यह सुविधा बांग्ला सहित 21 भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे दुकानदारों को बार-बार अपना फोन जांचने की जरूरत नहीं पड़ती.राज्य में डिजिटल पेमेंट की स्थिति
राज्य में डिजिटल पेमेंट को अपनाने का आंकड़ा भी प्रभावशाली है. 996.42 लाख योग्य बचत खातों में से 958.85 लाख खाते डिजिटल चैनलों से जुड़े हैं. 21.67 लाख योग्य चालू खातों में से 19.06 लाख खाते डिजिटल माध्यम से जुड़े हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

