कोलकाता. जादवपुर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और छात्र प्रतिनिधि परिसर में गतिरोध को हल करने के तरीकों को खोजने के लिए एक बैठक आयोजित की गयी. इसमें यह निर्णय लिया गया कि जेयू परिसर में पुलिस न बुलाने की अपनी परंपरा पर विश्वविद्यालय कायम रहेगा. जेयू के अधिकारी ने कहा, “अगर पुलिस को परिसर में आना ही होगा तो उन्हें जेयू प्राधिकारियों को सूचित करना होगा और अनुमति लेनी होगी. यह भी निर्णय लिया गया कि जेयू के अधिकारी राज्य सरकार से अनुरोध करेंगे ताकि जेयू की कार्यकारी परिषद की आपातकालीन बैठक बुलायी जा सके. काउंसिल के एक सदस्य ने बताया कि बैठक में कैम्पस चुनावों के संबंध में छात्रों की मांगों पर चर्चा होगी. हम राज्य सरकार से अपील करेंगे ताकि चुनाव कराये जा सकें. जेयू के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि पुलिस द्वारा उन्हें परेशान न किया जाये. कुछ वामपंथी और अति-वामपंथी छात्रों ने गत एक मार्च को कथित तौर पर शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु को परिसर में परेशान किया था और हंगामा मचाया गया था. उन को पुलिस से नोटिस भेजा है, क्योंकि परिसर में तृणमूल समर्थक शिक्षकों ने उत्पीड़न के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी. छात्रों ने जेयू प्रशासन से कहा कि वे परिसर में चुनाव तुरंत बहाल कराने के लिए कदम उठायें. अधिकारी ने कहा, “हमने उनकी बातें सुन ली हैं. हम राज्य सरकार से अधिक से अधिक एक नयी अपील कर सकते हैं ताकि जेयू में कैंपस चुनाव कराये जा सकें लेकिन यह सरकार को तय करना है. जेयू के अधिकृत वीसी भास्कर गुप्ता ने कहा, मैं राज्य सरकार से कैंपस चुनाव फिर से शुरू करने का अनुरोध कर सकता हूं. जिस दिन बैठक हो रही थी, उस दिन पुलिस तृणमूल समर्थक प्रोफेसर ओम प्रकाश मिश्रा की सुरक्षा के लिए परिसर में आयी थी, जिन्हें एसएफआई समर्थकों ने उनके कार्यालय तक पहुंचने से रोक दिया था. काफी दिनों तक तनाव की स्थिति बनी रही. अब शांति से समस्या का समाधान निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए ईसी की बैठक की अनुमति ली जा रही है.
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