कोलकाता. मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में एक और जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिकाकर्ता का आरोप है कि जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों से आवश्यक अनुमति के बिना ही बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया गया. इसके लिए कोई सरकारी अनुमति नहीं है. हाइकोर्ट के अधिवक्ता अर्नब कुमार घोष ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पॉल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ पर मामला दायर कर हस्तक्षेप करने की मांग की है. याचिकाकर्ताओं की मांग की है कि यह मस्जिद राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने के बजाय एक समुदाय की भावनाओं का फायदा उठाकर बनायी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट मूल बाबरी मस्जिद पर अपना फैसला पहले ही दे चुका है. इसके बाद नये सिरे से बाबरी मस्जिद बनाने का नाम लेकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.
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