बर्दवान/पानागढ़.
पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान म्युनिसिपल बॉयज हाइस्कूल मैदान में प्रशासनिक सभा मंच से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. सीएम ने फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सौ दिनों के कार्य का फंड केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है. सड़क और आवास योजना का फंड भी केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है. लेकिन हम लोग अपनी सरकार के मार्फत विकास कर रहे हैं. आवास और सौ दिन का काम शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि जल मिशन का काम केंद्र ने बंद कर दिया है. सर्व शिक्षा अभियान भी दो वर्षों से बंद है. लेकिन इसके बाद भी हम लोगों ने करीब 37 लाख मिट्टी के मकानों को पक्के मकान में बदला है. कर्मश्री योजना के तहत चार हजार श्रमिकों को काम दिया गया है. बंगाल के करीब 22 लाख प्रवासी श्रमिक दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं. उन्हें कोई दया दिखाकर नहीं ले गया है. उनके काम की दक्षता को देखते हुए अन्य राज्यों में उन्हें काम मिल रहा है. सोने का काम यहां के श्रमिक बेहतर करते हैं. कंस्ट्रक्शन और सड़क निर्माण का काम बेहतरीन करते हैं. आज उनके साथ दूसरे राज्यों में गलत व्यवहार किया जा रहा है. यह हम लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे. श्रमश्री योजना भी शुरू की जा रही है. हमारी योजना कन्याश्री आज पूरी दुनिया के समक्ष मेगा प्रोजेक्ट के रूप में उभरी है. विपक्ष और केंद्र पर तीखे वार: सीएम ने कहा कि पांच योजनाएं बंद हैं. उसे भी चलाना पड़ रहा है. हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में उन्होंने कहा था कि जीएसटी हटा दिया जाये ताकि कंपनी भी प्रीमियम नहीं बढ़ा सके. इस दौरान बिना नाम लिए ममता बनर्जी ने विपक्षी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी पर हमला करते हुए कहा कि चोर आज बहुत बड़ा साहूकार बना बैठा है. आज बड़ी-बड़ी बातें करता है. हमारे नेताओं को चोर कहता है. जिसका अपने दोनों कान कटे हुए हैं वह दूसरे को एक कान कटा कहता है. पहले वे लोग स्वयं के गिरेबान में झांक कर देखें.बंगाल की जनता को गुमराह करना आसान नहीं: मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल दिल्ली से बिना पैसा लगाये नेता प्रवासी श्रमिक बने बैठे हैं. जब चुनाव आता है तो बंगाल की याद आने लगती है. यहां आकर केवल और केवल भड़काने की कोशिश की जाती है. उन्होंने कहा कि लेकिन मैं कहती हूं यहीं पर डेरा डाल लें. बंगाल की जनता को गुमराह करना आसान नहीं है. बंगाल को देख कर इन लोगों को जलन होती है. पूरी की तरह ये लोग फूल जाते हैं. बंगाल के योगदान को भूलने की कोशिश न करें.
बंगाल की संस्कृति का सम्मान जरूरी: सीएम ने कहा कि बंगाल देश की आजादी में सबसे पहले सामने आया था. बंगाल और बांग्ला भाषा से जलन अच्छी बात नहीं. विधवा विवाह, बाल विवाह, सती प्रथा किसने हटाया था? हमें संस्कृति का ज्ञान देने की कोई कोशिश न करे. बंगाल की संस्कृति पूरी दुनिया जानती है. बंगाल का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. ममता बनर्जी ने हुंकार भरते हुए कहा कि बंगाल की जनता और बंगाल का भविष्य कभी भी अन्याय के आगे सिर नहीं झुकायेगा. जो लोग बंगाल को भेदने की कोशिश कर रहे हैं वे लोग सावधान हो जाएं. बंगाल में उनकी इच्छा कभी पूरी नहीं होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

