कोलकाता
. कलकत्ता हाइकोर्ट ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में महिलाओं पर हो रहे यौन उत्पीड़न और इलाके में जबरन जमीन हड़पने के आरोपों पर जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. बुधवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल और जस्टिस स्मिता दास डे की डिविजन बेंच ने सीबीआइ को चार नवंबर तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर के बाद होगी. गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में शेख शाहजहां, उत्तम सरदार और शिबू हाजरा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गयी थीं. इन पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न व कई लोगों की जमीनें जबरन हड़पने का आरोप था. इस मामले की सुनवाई करते हुए तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था. आदेश के बाद शेख शाहजहां सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने घटना की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. सीबीआइ ने उक्त मामले में पहली रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी है, अब हाइकोर्ट ने सीबीआइ को मामले की दूसरी जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. दूसरी ओर, संदेशखाली घटना सामने आने के बाद, स्थानीय भाजपा नेता गंगाधर कयाल के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन वीडियो सामने आया. इसमें उन्होंने दावा किया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने महिलाओं को पैसे देकर झूठे आरोप लगाने के लिए उकसाया था. बाद में गंगाधर कयाल ने उक्त वीडियो को फर्जी करार दिया था और वीडियो की जांच की मांग करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसे लेकर गंगाधर कयाल के वकील ने कहा कि उन्होंने पूरी घटना की जानकारी सीबीआइ को लिखकर दे दी है. स्टिंग ऑपरेशन घटना की जांच भी सीबीआइ को दी जानी चाहिए. हालांकि, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजय पाल की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि सीबीआइ पहले जांच की प्रगति पर दूसरी रिपोर्ट जमा करे. फिर कोर्ट इस मामले पर विचार करेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

