प्रतिनिधि, हुगली
अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए गये सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार साव की पत्नी रजनी साव अपने परिवार के चार सदस्यों पिंकी गुप्ता, पूजा गुप्ता, सत्य प्रकाश गुप्ता और बेटे अारव साव के साथ सोमवार को कोलकाता से पंजाब के पठानकोट के लिये रवाना हुईं. जानकारी के अनुसार, नगरपालिका चेयरमैन विजय सागर मिश्रा ने परिवार के पांचों सदस्यों की विमान यात्रा का पूरा खर्च वहन किया, ताकि पीड़ित परिवार जवान पूर्णम साव के बारे में सही जानकारी प्राप्त कर सके. परिवार के सदस्य चंडीगढ़ पहुंच गये हैं. वहां से वह पठानकोट जायेंगे. पूर्णम साव हुगली जिले के रिसड़ा के निवासी हैं.
गौरतलब है कि पूर्णम साव की सलामती को लेकर उनके घर पर लगातार राजनीतिक दलों के नेताओं, विधायकों और सांसदों का तांता लगा हुआ है. सभी ने अपने-अपने स्तर पर पूर्णम की सकुशल स्वदेश वापसी का भरोसा दिलाया है.हालांकि, पूर्णम साव की गर्भवती पत्नी रजनी साव ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि घटना के सात दिन बीतने के बावजूद उन्हें पूर्णम की सलामती या उनकी रिहाई के संबंध में अब तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी है. उनका कहना है कि सरकार और बीएसएफ प्रयासरत होंगे, लेकिन परिवार को किसी भी तरह की आधिकारिक सूचना नहीं दी गयी है.
सोमवार सुबह दमदम एयरपोर्ट से परिवार के सदस्य चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए. फिर वहां से पठानकोट जायेंगे. विजय सागर मिश्रा ने इस कठिन समय में न सिर्फ परिवार के साथ खड़े होकर हिम्मत बढ़ायी, बल्कि निजी वाहन से सभी को कोलकाता एयरपोर्ट तक पहुंचाया.
इधर, जवान की रिहाई की मांग को लेकर रिसड़ा में आल इंडिया कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अंबा प्रसाद के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधियों ने परिवार की चिंता साझा करते हुए कहा कि पूर्णम साव की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की जानी चाहिये.
बेटा अारव भी पिता को लाने के संकल्प के साथ तैयार था. गले में रुद्राक्ष की माला, माथे पर गेरुआ तिलक लगाकर वह अपनी साइकिल चला रहा था. उसने कहा: महादेव से प्रार्थना की है, पापा जरूर लौटेंगे.
पूर्णम के पकड़े जाने के बाद से परिवार बेसुध है. मां देवन्ती देवी ने आंखों में आंसू लिए कहा, बउमा (रजनी) अच्छे समाचार लेकर लौटे. रजनी ने जाते समय कहा: अगर पठानकोट से उत्तर नहीं मिला तो दिल्ली जाऊंगी. हर कोई कहता है ””ठीक है””, लेकिन कोई पक्की सूचना नहीं दे रहा है. जब मेरा बच्चा पूछता है, ””पापा कैसे हैं?”” मैं कोई जवाब नहीं दे पाती हूं.
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