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कोन्नगर में एसआइआर के दबाव में बीएलओ को स्ट्रोक

फॉर्म वितरण के दौरान सड़क पर गिरीं 60 वर्षीय तपती विश्वास

फॉर्म वितरण के दौरान सड़क पर गिरीं 60 वर्षीय तपती विश्वास परिवार ने बढ़ते काम के बोझ और नेटवर्क समस्या को जिम्मेदार ठहराया हुगली. विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) कार्य के दबाव ने कोन्नगर की एक बीएलओ की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाला है. बुधवार सुबह करीब साढ़े दस बजे एसआइआर फॉर्म का वितरण करते समय बीएलओ तपती विश्वास अचानक चक्कर खाकर सड़क पर गिर पड़ीं. उन्हें तुरंत कोन्नगर मातृसदन अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि उन्हें सेरेब्रल स्ट्रोक हुआ है. स्ट्रोक के बाद उनके शरीर का बायां हिस्सा सुन्न हो गया है और फिलहाल उनका इलाज जारी है. तपती विश्वास कोन्नगर नगरपालिका के 19 नंबर वार्ड के 279 नंबर बूथ की बीएलओ हैं. लगभग 60 वर्षीय तपती कोन्नगर नवग्राम की निवासी हैं और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में भी कार्यरत हैं. परिजनों ने बताया कि एसआइआर से जुड़े लगातार बढ़ते काम (फॉर्म बांटना, वापस लेना, क्यूआर कोड स्कैन करना और ऑनलाइन अपलोड करना) के कारण तपती कई दिनों से तनाव में थीं. उनके पति प्रवीर विश्वास ने कहा कि फॉर्म जमा करने के लिए बार-बार फोन आ रहे थे, जिससे वह ठीक से सो भी नहीं पा रही थीं. उनके बूथ में कुल 1,016 एन्यूमरेशन फॉर्म वितरित किये गये थे, जिनमें से 45 फॉर्म अभी भी बाकी थे. स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद वह काम छोड़ने से डर रही थीं, क्योंकि उन्हें अपनी नौकरी चली जाने की चिंता थी. तपती के देवर बाबूलाल विश्वास ने बताया कि नेटवर्क की समस्या के कारण फॉर्म स्कैन करना बेहद मुश्किल हो गया था. स्कैन न होने पर वह तनाव में आ जाती थीं. उनका कहना है कि जिले में नेटवर्क समस्या आम है और इसी तनाव के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गयी. अस्पताल के चिकित्सक डॉ संजय शी ने बताया कि तपती का शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों काफी बढ़ा हुआ था, जिसकी वजह से उन्हें स्ट्रोक आया. सीटी स्कैन में इसकी पुष्टि हुई है. डॉक्टर ने बताया कि हालांकि फिलहाल उनकी चेतना है, लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया है. उन्होंने यह भी कहा कि तपती नियमित दवाइयां नहीं ले रही थीं, जिससे शुगर और ब्लड प्रेशर नियंत्रण से बाहर हो गया था. इस बीच राज्य चुनाव अधिकारी कार्यालय ने बीएलओ तपती विश्वास की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एसआइआर के काम से मुक्त कर दिया है. , ताकि वह अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकें. नगरपालिका ने संभाली इलाज की जिम्मेदारी: कोन्नगर नगरपालिका के चेयरमैन स्वपन कुमार दास ने बताया कि बुधवार सुबह 11 बजे के बाद स्थानीय पार्षद चंदन मंडल ने उन्हें तपती की अस्वस्थता की सूचना दी. उन्होंने तुरंत उन्हें नगरपालिका संचालित मातृसदन अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया. दास ने बताया कि चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार अधिक मानसिक दबाव के कारण उनका ब्लड प्रेशर और शुगर दोनों बढ़ गये, जिसकी वजह से स्ट्रोक हुआ. चेयरमैन ने बताया कि एसआइआर से जुड़े अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद सिर्फ एक सुपरवाइजर मौके पर आया और बिना कोई व्यवस्था किये वापस लौट गया. चुनाव आयोग की ओर से महिला के इलाज की जिम्मेदारी नहीं ली गयी, इसलिए नगरपालिका को मजबूरन चिकित्सा का खर्च वहन करना पड़ रहा है. दास ने आरोप लगाया कि पहले एसआइआर प्रक्रिया तीन-चार महीने में पूरी होती थी, लेकिन इस बार इसे एक महीने में निपटाने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे बीएलओ पर असामान्य दबाव बढ़ गया है.

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