बोले विपक्ष के नेता- दक्षिण 24 परगना में अलग-अलग जगहों पर उन्हें घेरा गया
रायदीघी जाने के दौरान तृणमूल महिला कार्यकर्ताओं ने शुभेंदु के काफिले का किया घेराव
पाथरप्रतिमा व कुलतली में भी भाजपा नेता के काफिले के समक्ष किया गया प्रदर्शन
संवाददाता, कोलकाताराज्य में विपक्ष के नेता और नंदीग्राम के भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी को रविवार को दक्षिण 24 परगना में अलग-अलग जगहों पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा. रायदीघी जाने के दौरान तृणमूल महिला कांग्रेस की कार्यकर्ताओं पर उनके काफिले को रोकने की कोशिश व घेराव करने का आरोप लगा. इस दौरान अधिकारी के सुरक्षाकर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा. घटना को लेकर श्री अधिकारी ने तृणमूल पर जमकर हमला बोला और कहा कि उनपर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गयी. इस मामले को लेकर भाजपा और तृणमूल के बीच सियासी घमासान भी शुरू हो गया. सूत्रों के अनुसार, श्री अधिकारी रविवार को कालीपूजा के उद्घाटन के लिए रायदीघी विधानसभा क्षेत्र के सातघरा इलाके में जा रहे थे. इसी दौरान रायदीघी के पास दक्षिण विष्णुपुर मोड़ पर अचानक तृणमूल की महिला कार्यकर्ता सड़क पर उतर आयीं और हाथ में पोस्टर लेकर उनका मार्ग अवरुद्ध कर दिया. महिलाओं ने पोस्टरों पर लिखा: बंगाल के प्रवासी श्रमिकों पर अत्याचार बंद करें, बंगाल के गरीब लोगों के घरों का पैसा लौटाएं, 100 दिनों की रोजगार योजना का पैसा दें. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी राज्य में विद्वेषपूर्ण राजनीति कर रहे हैं और आम लोगों के प्रति उत्तरदायी नहीं हैं. इसी दिन दक्षिण 24 परगना के पाथरप्रतिमा और कुलतली में भी भाजपा नेता अधिकारी के काफिले के समक्ष प्रदर्शन किया गया.घटना को लेकर पत्रकारों से बातचीत में अधिकारी ने कहा : मुझ पर व्यक्तिगत हमला किया गया, वाहन पर नहीं. जानलेवा हमला करने की कोशिश की गयी. यह पूरी तरह से ‘बर्बरता’ है. मुझे धर्म पालन करने से रोकने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा : मुझे दो अलग-अलग जगहों पर रोका गया. यहां तो राजनीतिक कार्यक्रम के लिए नहीं, बल्कि पूजा करने आया था, इसके बावजूद हमला किया गया. राज्य में हिंदुओं को धर्म पालन करने की स्वतंत्रता नहीं मिल रही. दक्षिण 24 परगना में नागरिक और विशेषकर महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं और बाहरी लोग इलाके में घुस आये हैं. आम लोगों की सुरक्षा खतरे में है और राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लग रहा है. देखें राजपाट पेज भीकालीपूजा के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि तृणमूल या अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता आम नागरिकों और धर्म पालन करने वालों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्होंने सभी हिंदुओं को एकजुट होने और अपने अधिकारों के लिए खड़ा होने की अपील की. साथ ही चेतावनी दी कि वे इस तरह की हरकतों (काफिले रोकने की घटना) को बर्दाश्त नहीं करेंगे. अधिकारी ने घोषणा की कि जगद्धात्री पूजा के बाद वह फिर रायदीघी लौटेंगे और इस बार पार्टी का झंडा लेकर इलाके का भ्रमण करेंगे. उनका कहना था कि वह इस बार सुनिश्चित करेंगे कि पूजा स्थल और आसपास के इलाके में सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर कोई जोखिम न हो. इस घटना के बाद तृणमूल और भाजपा के बीच राजनीतिक वाक युद्ध तेज हो गया है. पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बयान जारी कर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू कर दिये हैं. भाजपा ने कहा कि विपक्ष के नेता पर हमला हुआ है, जबकि तृणमूल ने कहा कि यह चुनावी राजनीति का हिस्सा है और कानून का पालन होना चाहिए. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच बढ़ते तनाव का संकेत है. सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता और राजनीतिक विरोध का यह मामला अब राज्य की सियासी चर्चा का केंद्र बन गया है.
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