शिकायक मिलते ही सक्रिय हुआ निगम, बिल्डिंग प्लान को किया रद्द मेयर फिरहाद हकीम ने दिये विजिलेंस जांच का आदेश कोलकाता नगर निगम के 50 नंबर वार्ड से जुड़ा है मामला कोलकाता. महानगर में अवैध कागजात के आधार पर फर्जी तरीके से बिल्डिंग प्लान को प्राप्त कर पांच मंजिली इमारत तैयार करने की कोशिश की जा रही थी, पर इससे पहले ही एक वकील की शिकायत पर कोलकाता नगर निगम निर्माण कार्य को ना केवल रोक दिया, बल्कि अब निगम के विजिलेंस विभाग ने भी जांच शुरू कर दिया है. इस संबंध में कलकत्ता हाइकोर्ट के अधिवक्ता सायंतक दास की ओर से सूचना का अधिकार (आरटीआइ) किया गया था. शुक्रवार को अधिवक्ता सायंतक दास कोलकाता नगर निगम पहुंचे थे. उन्होंने निगम में मेयर फिरहाद हकीम के साथ प्रेस काॅन्फ्रेंस भी की. इस दौरान श्री दास ने बताया कि उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ मिल कर आरटीआइ की थी. उन्होंने बताया कि वह खुद कोलकाता के 50 नंबर वार्ड के निवासी है. इसी वार्ड में 52-ए महेंद्र सरकार स्ट्रीट स्थित एक कट्ठा 15 छटका जमीन पर पांच मंजिला तैयार किया जाना था. चूकि वह स्थानीय निवासी है इसलिए इसकी सूचना मिलने पर श्री दास अक्तूबर महीने में एक आरटीआई कर जमीन से संबंधित जानकारी प्राप्त की. इस दौरान उन्होंने पता चला की जमीन की दलील फर्जी है. यहीं कॉपी ऑफ इंस्पेक्शन बुक (आइबी कॉपी) में भी टेम्पर्ड (जालसाजी) की गयी थी. ऐसे में अधिवक्ता ने आरटीआइ करने के बाद इस साल फरवरी महीने में न्यू मार्केट थाने में एफआइआर भी दर्ज कराया है. गौतम दासगुप्ता सह उनके परिवार के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी है. उन्होंने बताया की जमीन मालिक प्रमोटरों के जरिए यहां इमारत तैयार करने की कोशिश कर रहा था. अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में इस मामले में शाने में एफआईआर दर्ज कराये जाने से पहले उन्होंने मेयर से भी शिकायत की. मेयर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पूरे मामले को संज्ञान में लिया. उन्होंने बताया के संज्ञान में लेने के बाद अब निर्माण कार्य ठप है. यहां इमारत को तैयार करने से पहले पुरानी इमारत को तोड़ दिया गया था. साथ ही गलत तरीके से एक किरायेदार को भी दिखाया जा रहा था. उन्होंने बताया कि पूरे फर्जी तरीके से इमारत को तैयार करने के कोशिश की जा रही थी. उधर, इस मामले में मेयर ने बताया कि पुलिस तो इस मामले की जांच करेगी ही, अब निगम का विजिलेंस विभाग भी जांच करेगा. साथ ही यह पता लाया जायेगा कि इस मामले में निगम का कोई अधिकारी भी शामिल था या नहीं. मेयर ने बताया कि निगम की ओर से जारी बिल्डिंग प्लान को पहले ही रद्द कर दिया गया है. अब विजिलेंस जांच चल रही है.
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