कोलकाता. कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने सोमवार को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि टॉलीगंज स्टूडियो में फिल्मों की शूटिंग में बाधा नहीं दिया जा सकता और ना ही कलाकारों को टॉलीवुड में काम करने से रोका जा सकता है. गौरतलब है कि परमब्रत चटर्जी और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित कई टॉलीवुड अभिनेताओं और निर्देशकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें काम करने से रोका जा रहा है. टॉलीवुड में दो गुटों के बीच खींचतान का खेल काफी समय से चल रहा है. दोनों पक्षों के बीच लड़ाई अदालत तक पहुंच गयी है. इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने कहा कि किसी को भी अपनी आजीविका, काम या व्यवसाय करने से नहीं रोका जा सकता. अगर कोई मुसीबत में है तो स्थानीय पुलिस से मदद लेनी चाहिए. राज्य सरकार भी इस बारे में चुप नहीं रह सकती. याचिकाकर्ता के वकील अभ्रतोष मजूमदार ने अदालत को बताया कि उनके काम में बाधा उत्पन्न होने से रोकने के लिए पहले भी आदेश जारी किये गये थे. लेकिन अब स्थिति और खराब हो गयी है. उन्होंने कहा कि फोन पर एसएमएस के माध्यम से संदेश भेजे जा रहे हैं कि अदालत के आदेश का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है. याचिकाकर्ताओं को अलग-थलग कर दिया गया है, काम के अवसर बंद कर दिये गये हैं. यहां तक कि शूटिंग भी रोक दी गयी है. उन्होंने कहा कि बांग्ला फिल्म उद्योग बहुत खराब स्थिति में है. इस पर न्यायाधीश ने सवाल किया कि जब जीवन का अधिकार दांव पर है तो राज्य कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? राज्य हमारा रक्षक है- वे अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. उन्होंने कहा, “सब कुछ अकेले पुलिस द्वारा नहीं किया जा सकता. संबंधित सरकारी विभाग कहां हैं? वे कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं? यह कहते हुए न्यायाधीश ने कहा कि टॉलीवुड में फिल्मों की शूटिंग बाधित नहीं की जा सकती और इसे सुनिश्चित करने के लिए पुलिस व राज्य सरकार को हर संभव कदम उठाने होंगे.
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