संवाददाता, कोलकाता
फर्जी दस्तावेजों के जरिये भारतीय पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह की जांच के दौरान गिरफ्तार आजाद मल्लिक उर्फ आजाद हुसैन बांग्लादेशी नहीं, बल्कि पाकिस्तान का नागरिक है. यह खुलासा पहले ही हो चुका है. अब इस बात की आशंका भी खारिज नहीं की जा रही है कि मल्लिक पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम नहीं करता हो. सूत्रों के अनुसार, इसी मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों को मल्लिक को लेकर कई अहम तथ्य मिलने की बात भी सामने आ रही है.
बताया जा रहा है कि मल्लिक के मोबाइल फोन के व्हाट्स एप चैट से कई अहम तथ्य मिले हैं. 20 हजार से ज्यादा कॉन्टैक्ट नंबर मिले हैं. जांच में यह भी पता चला है कि मल्लिक लगातार पाकिस्तान के कई नागरिकों से व्हाट्स एप ग्रुप के जरिये संपर्क में था. वह व्हाट्स एप कॉल के जरिये भी पाकिस्तानियों के साथ संपर्क करता था. इस संपर्क के पीछे क्या मकसद था. इसके बारे में कई सवालों को जानने की कोशिश इडी अधिकारी कर रहे हैं. फर्जी दस्तावेज से पासपोर्ट बनाने वाले रैकेट के जरिये एकत्रित राशि हवाला के माध्यम से बांग्लादेश भेजी जाती थी. जांच की जा रही है कि कहीं इस राशि का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए तो नहीं हुआ है. मल्लिक अवैध तरीके से बांग्लादेश से भारत में घुसा और वर्ष 2020 में उसने एक भारतीय महिला से विवाह किया. पत्नी और ससुरालवालों के दस्तावेजों की मदद से मतदाता पहचान पत्र व अन्य पहचान पत्र भी बनवा लिया.
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