कोलकाता.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव बाद महानगर के काकुरगाछी में भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने तृणमूल विधायक परेश पाल को कुछ शर्तों के साथ अग्रिम जमानत दे दी है. इसके साथ ही स्थानीय पार्षद स्वपन समाद्दार और पापिया घोष को भी अदालत से राहत मिली है. हाइकोर्ट ने इनकी याचिका भी मंजूर करते हुए अग्रिम जमानत दे दी. हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने विधायक परेश पाल को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत दी. हालांकि, हाइकोर्ट ने कहा कि विधायक नारकेलडांगा थाना क्षेत्र के शीतला ताला में प्रवेश नहीं कर सकेंगे. वे किसी को धमकी नहीं दे पायेंगे और ना ही देश छोड़कर जा सकेंगे. न्यायाधीश ने आदेश दिया कि फिलहाल अग्रिम जमानत दी गई है. अगर सीबीआइ उन्हें समन के आधार पर गिरफ्तार करती है तो उन्हें इस शर्त पर जमानत मिलेगी. अदालत ने कहा कि भले ही सीबीआइ ने चार साल पहले आरोपपत्र दाखिल किया था, लेकिन सभी आरोपियों ने जांच में सहयोग किया है. हाइकोर्ट के इस फैसले से अभिजीत सरकार हत्याकांड में सत्तारूढ़ दल के नेतृत्व को राहत मिली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

