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जमीनी स्तर पर सेवा की मुहिम है एपीएएस : सीएम

सीएम ने बताया कि एपीएएस के पहले दिन राज्य भर में 632 शिविर आयोजित किये जा रहे हैं. साथ ही एपीएएस शिविरों में दुआरे सरकार काउंटर भी स्थापित किये गये हैं. उन्होंने राज्य के लोगों को अपने शिविरों में आने और एपीएएस को सफल बनाने के लिए चर्चाओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया.

कोलकाता.

राज्य सरकार ने शनिवार से पूरे राज्य में आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान (एपीएएस) कार्यक्रम शुरू किया. इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से कहा कि एपीएएस एक अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य सहभागी शासन को संस्थागत बनाना और जन-सहभागिता व सशक्तीकरण के माध्यम से जमीनी स्तर पर सेवा वितरण की पुनर्कल्पना करना है. सीएम ने कहा कि एपीएएस शिविर एक ऐसा मंच है, जहां स्थानीय लोग अपनी स्थानीय स्तर की बुनियादी ढांचागत आवश्यकताओं पर विचार-विमर्श, पहचान और प्राथमिकताएं तय कर सकेंगे. साथ ही स्थानीय समस्याओं का समाधान कर पायेंगे.

उन्होंने बताया कि एपीएएस के लिए 8,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जिसमें प्रति बूथ 10 लाख रुपये आवंटित किये गये हैं. राज्य में 27,000 शिविरों द्वारा 80,000 से मतदान केंद्रों को कवर किया जा रहा है.

शनिवार को सीएम ने बताया कि एपीएएस के पहले दिन राज्य भर में 632 शिविर आयोजित किये जा रहे हैं. साथ ही एपीएएस शिविरों में दुआरे सरकार काउंटर भी स्थापित किये गये हैं. उन्होंने राज्य के लोगों को अपने शिविरों में आने और एपीएएस को सफल बनाने के लिए चर्चाओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. इसके साथ ही सीएम ने इस अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए संबंधित सरकारी अधिकारियों और अन्य हितधारकों को उनके प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद दिया.

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले शनिवार को स्ट्रीट लैंप लगाने, सड़कों की स्थिति सुधारने और जिलों में जलापूर्ति सुनिश्चित करने जैसे स्थानीय मुद्दों के समाधान के लिए 8,000 करोड़ रुपये का कार्यक्रम शुरू किया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 जुलाई को इस योजना की रूपरेखा पेश करते हुए कहा था कि यह कार्यक्रम- आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान, देश में अपनी तरह की पहली पहल है. मुख्य सचिव मनोज पंत की अध्यक्षता में एक कार्यबल इस कार्यक्रम की निगरानी करेगी. मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि जिलास्तरीय कार्यबल का गठन किया गया है और शनिवार को कई शिविरों ने काम करना शुरू कर दिया है.

गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था : हम प्रति बूथ 10 लाख रुपये मंजूर कर रहे हैं. कुल मिलाकर, राज्य सरकार इस कार्यक्रम पर 8000 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह दो अगस्त से शुरू होगा. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि ये शिविर दो महीने तक चलेंगे और 30 दिनों तक प्रशासनिक मूल्यांकन किया जायेगा.ं

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