विपक्ष ने 226 अधिकारियों की नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन का लगाया आरोप
कोलकाता. विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य में निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों (इआरओ) की नियुक्ति में कथित अनियमितताओं को लेकर भारत निर्वाचन आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है. अधिकारी का आरोप है कि कई जिलों में वरिष्ठता की अनदेखी कर कनिष्ठ अधिकारियों को इआरओ नियुक्त किया गया, जो आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है. नेता प्रतिपक्ष ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के माध्यम से कहा कि कई जिलाधिकारियों ने वरिष्ठ पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (कार्यकारी) अधिकारियों को दरकिनार करते हुए कनिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त किया है. उन्होंने आयोग को 226 इआरओ की सूची भी सौंपकर कहा कि इस तरह की नियुक्तियां चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता और विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं. उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि पश्चिम बंगाल सिविल सेवा के वे अधिकारी, जो उप-मंडलाधिकारी या ग्रामीण विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, उन्हें ही इआरओ बनाया जाना चाहिए. मैं आयोग से अनुरोध करता हूं कि वह इन निर्देशों को सख्ती से लागू करे, ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके.” गौरतलब रहे कि इआरओ चुनाव प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) द्वारा तैयार किये गये फॉर्म और आवेदन सहायक निर्वाचन रिटर्निंग अधिकारी (एइआरओ) जांचते हैं और उसके बाद इआरओ अंतिम स्वीकृति देते हैं. इस प्रकार इआरओ बीएलओ और एइआरओ के बीच तथा जिला मजिस्ट्रेट/जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है. सूत्रों के अनुसार, राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया 15 अक्तूबर के बाद शुरू होने की संभावना है.
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