कोलकाता.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता व राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार राज्य में आदिवासी समुदाय की लगातार उपेक्षा कर रही है. शुभेंदु अधिकारी ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में आदिवासी समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में उनके संविधान प्रदत्त आरक्षण से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार स्थायी पदों को समाप्त कर अनुबंध आधारित नौकरियों को प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने खाद्य विभाग द्वारा 15,000 रुपये मासिक वेतन वाले संविदा कर्मचारियों की भर्ती किये जाने का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि इसमें किसी आरक्षण पर विचार नहीं किया जा रहा है और इस प्रकार आदिवासियों के लिए निर्धारित छह प्रतिशत व अनुसूचित जातियों के लिए निर्धारित 22 प्रतिशत कोटा को दरकिनार किया जा रहा है.शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशानिर्देश और आयोग की सिफारिशें स्पष्ट रूप से कहती हैं कि आरक्षण केवल स्थायी पदों तक सीमित नहीं है, बल्कि आकस्मिक, अनुबंध, अंशकालिक और पदोन्नति में भी लागू होता है. उन्होंने कहा : मैं राज्यपाल को पत्र लिखूंगा और अनुसूचित जाति व जनजाति प्रतिनिधियों के साथ मिलकर कानूनी कार्रवाई करूंगा.उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले वर्षों में हजारों पदों पर नियुक्तियों के दौरान आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया और राज्य सरकार की ओर से बड़ी संख्या में फर्जी अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र जारी किये गये हैं. श्री अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि 15 अगस्त को मेदिनीपुर में एक फुटबॉल मैच के दौरान एक आदिवासी शिक्षक और फुटबॉल रेफरी को तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कथित रूप से लात मारी. उन्होंने कहा कि विरोध के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन वह 48 घंटे के भीतर जमानत पर रिहा हो गया.
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