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डेंगू : मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम के साथ की बैठक

राज्य में इस साल बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. इस वजह से राज्य के ज्यादातर जिलों में जल जमाव की समस्या पैदा हो गयी है. इसी बीच, राज्य में डेंगू के मामले भी बढ़ रहे हैं. डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम व नियंत्रण के लिए राज्य के मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत ने स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव व सभी जिलों के डीएम के साथ उच्चस्तरीय बैठक की.

कोलकाता.

राज्य में इस साल बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. इस वजह से राज्य के ज्यादातर जिलों में जल जमाव की समस्या पैदा हो गयी है. इसी बीच, राज्य में डेंगू के मामले भी बढ़ रहे हैं. डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम व नियंत्रण के लिए राज्य के मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत ने स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव व सभी जिलों के डीएम के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने डेंगू व मलेरिया को लेकर उठाये जा रहे कदमों की जानकारी ली. शनिवार शाम को मुख्य सचिव डॉ मनोज पंत व स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की. नबान्न सूत्रों के मुताबिक, डेंगू व मलेरिया की रोकथाम को लेकर क्या कदम उठाये जा रहे हैं. साथ ही जिले की स्वास्थ्य संरचना कैसी है, मुख्य सचिव ने सभी से विस्तार से जानकारी ली है.

जानकारी के मुताबिक, उन्होंने कुछ जिलों में डेंगू व मलेरिया के बढ़ते मामले को लेकर चिंता जाहिर की. हुगली, नदिया, हावड़ा, उत्तर व दक्षिण 24 परगना, मालदा व मुर्शिदाबाद में डेंगू व मलेरिया का असर दिख रहा है. इन जिलों के जिलाधिकारियों को विशेष निगरानी करने को कहा गया है. डेंगू-मलेरिया से निबटने के लिए सभी जिले की ग्राम पंचायत व पंचायत समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण देने पर भी चर्चा हुई.

नगरपालिका इलाके में वार्ड कमेटी को इसे लेकर प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिलाधिकारी को इसकी देखरेख करने को कहा गया है. प्रशिक्षण से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है. पंचायत व नगरपालिका इलाकों में कहीं पानी लंबे समय तक जमा नहीं रहे, इस पर खास तौर से निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं. मुख्य सचिव ने विभिन्न इलाके में ड्रोन से निगरानी तेज करने को कहा है. जिन इलाकों में स्वास्थ्य संरचना की कमी है, उसे तुरंत दुरुस्त करने का निर्देश मुख्य सचिव ने दिया. कहीं खाली जमीन है, तो उसकी सफाई स्थानीय प्रशासन को करने को कहा गया. किसी तालाब में गंदगी व जलकुंभी है, तो तुरंत सफाई करने का निर्देश भी दिया गया. डॉ पंत ने इसकी रिपोर्ट समय-समय पर नबान्न में भेजने का निर्देश दिया. प्रशासन के आला अधिकारियों ने कहा कि उत्सव के मौसम में डेंगू-मलेरिया पांव नहीं पसार सके, इसके लिए पहले ही तैयारी शुरू की जा रही है.

राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, नदिया, मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना में डेंगू का असर दिख रहा है. बैठक में इन जिलों को सचेत रहने का निर्देश दिया गया है. डेंगू प्रभावित जिलों को नियमित समीक्षा बैठ करने की सलाह दी गयी है.

गौरतलब है कि इस बैठक में कोलकाता नगर निगम के अधिकारी, जिलों के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, कई मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल, शहरी व ग्रामीण विकास विभाग के आला अधिकारी, राज्य लोक निर्माण विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे. बैठक में डेंगू के बढ़ते खतरे को देखते हुए दो दिन से बुखार से पीड़ित लोगों के लिए डेंगू जांच अनिवार्य कर दिया गया है.

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