कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एकुशे जुलाई आयोग को गुरुवार को अपना पक्ष रखने को कहा, जिसका गठन 1993 में हुई युवक कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की हत्या की जांच के लिए किया गया है. न्यायमूर्ति प्रणब चट्टोपाध्याय व न्यायमूर्ति संपति चट्टोपाध्याय की खंडपीठ ने तीन पूर्व आइपीएस अधिकारियों की अपील पर आयोग को निर्देश दिया कि अबतक उसने जो जांच की है, उसका ब्यौरा उसके समक्ष रखें. गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई होगी.
दिनेश वाजपेयी, एनके सिंह और आरके जौहरी ने आयोग के सामने पेश होने संबंधी उसकी नोटिस को चुनौती देते हुए न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की अदालत में याचिका दायर की थी. न्यायमूर्ति दत्ता ने उनकी याचिका का निस्तारण करते हुए उन्हें निर्देश दिया कि वे आयोग की नोटिस पर उसके सामने पेश हों.
याचिकाकर्ताओं ने आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील की. वर्ष 1993 में 21 जुलाई को जब ‘मार्च टू राइटर्स बिल्डिंग’ के दौरान पुलिस गोलीबारी में युवा कांग्रेस के 13 कार्यकर्ता मारे गये थे, तब तीनों ही कोलकाता पुलिस में वरिष्ठ पदों पर थे. वर्तमान सरकार ने इसकी जांच के लिए आयोग गठित किया है.