आसनसोल: मेयर तापस बनर्जी ने आगाबेग म्यूनिसिपल हाई स्कूल (हिंदी) में ड्रेस व बुक ग्रांट मद में खर्च की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश पूर्व मेयर परिषद सदस्य गुलाम सरवर को दिया. इसके लिए सोमवार को पत्र जारी किया गया. इधर श्री सरवर का कहना है कि पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर श्री बनर्जी उन्हें परेशान कर रहे हैं.
संसदीय चुनाव के दौरान दो नेताओं के बीत इस विवाद को लेकर मतों के घ्रुवीकरण पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक माना जा रहा है. पत्र में कहा गया है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र के लिए सरकारी स्तर पर काफी दबाब है. इसके पहले जारी पत्र के जबाब में श्री सरवर ने कहा था कि यह प्रमाण पत्र जमा कर दिया गया है. लेकिन कार्यालय में उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है. इस कारण प्रमाण पत्र की जेरॉक्स प्रति कार्यालय में नये सिरे से जमा करें. श्री सरवर ने बताया कि इससे पहले भी तीन दिसंबर को मेयर ने उन्हें पत्र देकर बुक व ड्रेस ग्रांट के बारे में जवाब मांगा था. उन्होंने छह दिन बाद नौ दिसंबर को ही जवाब दे दिया था कि 2010, 2011 व 2012 का बुक ग्रांट बच्चों में बांटा गया है. 2011 का ड्रेस ग्रांट भी बच्चों में वितरण कर दिया गया है. इससे संबंधित खबरे मीडिया में प्रचारित भी हुई थी.
उन्होंने बताया कि बुक व ड्रेस ग्रांट की यूसी सर्वशिक्षा मिशन में जमा नहीं करने पर अगले वर्ष का ग्रांट नहीं मिलता है. यदि उन्होंने यह ग्रांट बच्चों में नहीं बांटा होता, तो अगले वर्ष के ग्रांट के आने की संभावना ही नहीं बनती है. 2011 के ड्रेस का फंड आने पर तीन अप्रैल 2012 को इसे बच्चों में बांटा गया. 17 अप्रैल 2010 को स्वयं मेयर ने बच्चों में बुक ग्रांट बांटे थे. और इसकी ही जानकारी मांग रहे है. 10 मार्च 2011 को भी बुक ग्रांट बच्चों में बांटा गया. 2012 में ड्रेस ग्रांट के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस मुद्दे पर सवाल उठाया है कि स्वयं मेयर के हाथों 17 अप्रैल 2010 को स्कूली बच्चों में पुस्तक वितरण किया गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें वेवजह परेशान करने की कोशिश की जा रही है.मेयर परिषद सदस्य व तृणमूल युवा कांग्रेस के जिला (शिल्पांचल) अध्यक्ष अभिजीत घटक ने कहा कि इस विवाद का असर चुनाव प्रचार पर नहीं पड़ेगा. यह आसनसोल नगर निगम का अंदरुनी मामला है. कोई दस्तावेज नहीं मिलने पर जानकारी मांगी जा रही है.