21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार को लगायी फटकार, कहा – नारदा कांड की जांच सीबीआई ही करेगी

संवाददाता, कोलकाता नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार को तगड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के उस निर्देश को बरकरार रखा जिसमें नारदा स्टिंग मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही गयी थी. पश्चिम बंगाल सरकार और तृणमूल कांग्रेस ने सीबीआई जांच के […]

संवाददाता, कोलकाता

नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल सरकार को तगड़ा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के उस निर्देश को बरकरार रखा जिसमें नारदा स्टिंग मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही गयी थी. पश्चिम बंगाल सरकार और तृणमूल कांग्रेस ने सीबीआई जांच के हाइकोर्ट के आदेश पर स्थगनादेश लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए सीबीआई को मामले की प्राथमिक जांच पूरी करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि तृणमूल नेता इस संबंध में दायर किसी भी एफआइआर को चुनौती दे सकते हैं.

अदालत में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी बंगाल सरकार की बातों को रखा कि हाइकोर्ट का फैसला पक्षपातपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि वह कैसे कह सकती है कि हाइकोर्ट का फैसला पक्षपातपूर्ण है. उसे यह वक्तव्य रखने के लिए बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए. जो वीडियो फुटेज आइफोन से लैपटॉप व बाद में पेनड्राइव में लिया गया वह तो बदला नहीं है. तीनों ही स्थान पर एक ही डेटा है. तो राज्य सरकार ऐसा कैसे कह सकती है. राज्य सरकार के अधिवक्ता ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर माफी मांग ली.

तृणमूल कांग्रेस नेताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. कपिल सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि जांच का जिम्मा सीबीआइ के अलावा किसी अन्य एजेंसी को दिया जाये. उनका कहना था कि सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपने से संघीय ढांचे को चोट पहुंचेगी क्योंकि केंद्र कुछ राज्यों पर जानबूझकर निशाना साध सकता है. हालांकि मुख्य न्यायाधीश ने इस तर्क को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश का कहना था कि यदि सबसे बड़ी एजेंसी जांच नहीं करेगी तो फिर कौन करेगा. हाइकोर्ट के फैसले पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए इस दलील को भी खारिज किया कि जनहित याचिका भाजपा के जरिये करायी गयी थी.

क्या है मामला

पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले न्यूज पोर्टल नारद ने कुछ वीडियो क्लिप जारी किये थे, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के कुछ सांसद और राज्य सरकार के कई मंत्री कथित तौर पर कैमरे पर एक फर्जी कंपनी को मदद करने की एवज में रिश्वत लेते प्रतीत हुए थे. मामले की पुलिस जांच चल रही थी. लेकिन गत शुक्रवार को हाइकोर्ट ने तीन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को जांच का निर्देश दिया. अदालत ने केंद्रीय एजेंसी को 72 घंटे में प्राथमिक जांच पूरी करने और जरूरत पड़ने पर आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया. सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. इसी बीच, सीबीआई जांच रोकने के लिए राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जहां उन्हें झटका लगा है. उधर, सीबीआई को राहत मिल गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने उसे प्राथमिक जांच पूरी करने के लिए एक महीने का वक्त दे दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें