कोलकाता संवाददाता
लश्कर-ए-तय्यबा के तीन आतंकियों को शनिवार को बनगांव अदालत ने राष्ट्र द्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनायी. इनमें से दो आतंकी पाकिस्तानी नागरिक बताये जाते हैं. तीनों को आइपीसी की धारा 121 व 121ए के तहत दोषी ठहराया गया था. बीएसएफ ने वर्ष 2007 के चार अप्रैल को चार संदिग्ध आतंकियों को पश्चिम बंगाल के बांग्लादेश से सटी सीमा पेट्रापोल से गिरफ्तार किया था. उस वक्त ये बांग्लादेश से भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे.
West Bengal: Bongaon Court convicts three LeT terrorists, pronounce capital punishment. They were arrested from Bongaon border in 2007. pic.twitter.com/lzg9xn3xS2
— ANI (@ANI) January 21, 2017
उन्हें राज्य की सीआइडी के हवाले कर दिया गया था. जांच में पता चला था कि इनमें से दो आतंकी मोहम्मद युनूस और मोहम्मद अबदुल्लाह पाकिस्तानी नागरिक हैं. जबकि अन्य दो आतंकी मुजफ्फर अहमद राठौर, कश्मीर से था और शेख समीर महाराष्ट्र का रहने वाला था.
पुलिस के मुताबिक मोहम्मद युनूस एक फिदायीन आतंकी है. चारों आतंकी कराची से चलकर ढाका गये थे. वहां से वह सड़क के रास्ते फर्जी दस्तावेज के साथ भारत में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे. सीआइडी ने उनसे पूछताछ के बाद भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किया था.
इनपर नारको एनालिसिस टेस्ट किया गया था. जिससे पता चला कि चारों को पाकिस्तान के लश्कर कैंप में प्रशिक्षित किया गया था और उनकी योजना कश्मीर में रक्षा संस्थानों पर हमला करने की थी. उन्हें स्वचालित राइफल, ग्रेनेड और आइइडी में ट्रेनिंग मिली थी.
वर्ष 2014 में इनके मामले की सुनवाई के दौरान समीर उस वक्त भाग गया जब जांच अधिकारी उसे महाराष्ट्र में अदालत में पेश करने ले जा रहे थे. समीर चलती ट्रेन से छत्तीसगढ़ में फरार हो गया.
समीर अब तक फरार है. हालांकि समीर के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे मार दिया है. जबकि पुलिस इस आरोप का खंडन करती है. पुलिस के मुताबिक मुंबई के लोकल ट्रेन धमाकों में समीर का संबंध था. बाकी तीनों आतंकी अपनी सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.