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गांगुली को आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए: तसलीमा

कोलकाता: प्रसिद्ध बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से न्यायमूर्ति ए के गांगुली के इस्तीफे की मांग काबुधवार कोसमर्थन किया. न्यायमूर्ति गांगुली एक लॉ इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी हैं. नसरीन ने एक टेलीविजन धारावाहिक को शुरु करने के मौके पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से […]

कोलकाता: प्रसिद्ध बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से न्यायमूर्ति ए के गांगुली के इस्तीफे की मांग काबुधवार कोसमर्थन किया.

न्यायमूर्ति गांगुली एक लॉ इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने के आरोपी हैं. नसरीन ने एक टेलीविजन धारावाहिक को शुरु करने के मौके पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘महिलावादी होने के नाते मेरा मानना है कि उन्हें मानवाधिकार आयोग जैसे निकायों के प्रति लोगों के भरोसे को कायम रखने के लिए पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.’’उन्होंने कहा कि गांगुली ऐसे मामले में आरोपी हैं कि उन्हें आरोपों से दोषमुक्त होने तक इस्तीफा दे देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं मानवाधिकार आयोग के फायदे के लिए ऐसा कह रही हूं. मैं गांगुली के खिलाफ नहीं हूं. मैं यह नहीं कह रही हूं कि वह दोषी हैं लेकिन जब तक वह निदरेष साबित नहीं हो जाते हैं तब तक उन्हें अध्यक्ष पद से दूर रहना चाहिए.’’उन्होंने आरोप लगाया कि तरण तेजपाल मामले ने साबित कर दिया है कि शिक्षित लोग भी महिला के खिलाफ इस तरह का गंभीर अपराध कर सकते हैं.

नसरीन ने कहा, ‘‘जो उन्होंने किया वह गलत है. उन्होंने इस्तीफा दे दिया है और मुङो उम्मीद है कि उन्हें सजा मिलेगी. लोग कहते हैं कि समाज के निचले तबके और गांवों के लोग इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं लेकिन इन आरोपों के साथ हम देख रहे हैं कि जो बुद्धिजीवी हैं और महिलाओं के मुद्दे पर लिखते हैं और बलात्कार का विरोध करते हैं, वे भी छेड़खानी और बलात्कार कर सकते हैं.’’

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