कोलकाता: महानगर में कई स्कूल ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक सरकारी मान्यता नहीं मिली है. ऐसा ही एक स्कूल है बीटी रोड स्थित हिंदी माध्यम का आलोक भारती विद्यालय. इस विद्यालय में पांचवीं से लेकर 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है.
सरकारी मान्यता नहीं होने के कारण यहां के छात्र 10वीं की परीक्षा किसी अन्य मान्यता प्राप्त स्कूल के बोर्ड से देते हैं. किराये पर चलनेवाले इस विद्यालय में छह कमरे हैं. स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 100 है. 40 साल पुराने इस स्कूल को अभी तक सरकारी मान्यता नहीं मिलने से शिक्षकों व छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. यही कारण है कि छात्रों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही है. विद्यालय में शिक्षकों की संख्या भी कम है.
यहां छह शिक्षक पढ़ाते हैं. स्कूल की स्थिति से कई बड़े अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है. स्कूल कमीशन की ओर से कई बार स्कूल का निरीक्षण किया जा चुका है, लेकिन अभी तक इसका कोई परिणाम नहीं निकला है. डीआइ को भी इस स्थिति के बारे में जानकारी दी गयी है, लेकिन हर तरफ से केवल आश्वासन ही मिला है.
क्या कहते हैं हेडमास्टर
स्कूल के हेडमास्टर हरिद्वार राय का कहना है कि हम कई वर्षो से स्कूल को सरकारी मान्यता दिलाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी भी इसे मान्यता नहीं मिली है. स्कूल की सरकारी मान्यता नहीं होने से लोग अपने बच्चों के यहां पढ़ाना नहीं चाहते हैं. दूसरे स्कूल के बोर्ड से यहां के बच्चे परीक्षा देते हैं, जिससे बच्चों सहित हमें भी परेशानी होती है. कई बार सरकारी निरीक्षण किया जा चुका है, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला है. सरकार से यह अनुरोध है कि जल्द से जल्द स्कूल को सरकारी मान्यता दी जाये.