कोलकाता: राइटर्स बिल्डिंग के नवीकरण को लेकर राज्य सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. तय समय-सीमा में राइटर्स के स्थानांतरण प्रक्रिया को खत्म करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा है कि राइटर्स बिल्डिंग का किस प्रकार से नवीकरण किया जायेगा. इसे लेकर जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) व बंगाल इंजीनियरिंग एंड साइंस यूनिवर्सिटी (बेसू) की ओर से राज्य सरकार को प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी गयी है.
जेयू व बेसू की ओर से राइटर्स के नवीकरण के संबंध में थ्री-डी एनिमेशन के माध्यम से पूरी जानकारी प्रस्तुत की. गौरतलब है कि राइटर्स बिल्डिंग के नवीकरण करने के साथ ही इसके ऐतिहासिक व स्थापना महत्व को भी ध्यान में रखा जा रहा है. किस प्रकार से पूरा नवीकरण का कार्य होगा, फिलहाल कमेटी ने कुछ स्पष्ट नहीं किया है.
एक अक्तूबर तक समय
यह तो तय है कि एक अक्तूबर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कार्यालय हावड़ा स्थित एचआरबीसी भवन में स्थानांतरित कर दिया जायेगा. उसके बाद ही राइटर्स बिल्डिंग का नवीकरण कार्य शुरू होगा. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि राइटर्स बिल्डिंग पूरी तरह खाली नहीं होने की वजह से इसका नमूना संग्रह नहीं हो पा रहा है. इसलिए नवीकरण के लिए किस तकनीक का प्रयोग किया जाये, इसे लेकर अभी संशय बना हुआ है. 236 वर्ष पुरानी इस बिल्डिंग का नवीकरण करने के लिए किस प्रकार के उपादान व तकनीक का प्रयोग किया जाये, यह जानने के लिए पूर्ण रूप से विश्लेषण करना होगा. राइटर्स बिल्डिंग के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रख कर ही नवीकरण किया जायेगा.