कोलकाता: राज्यपाल एमके नारायणन ने अलग गोरखालैंड की मांग करनेवाले गोरखा जनमुक्ति मोरचा से साफ कह दिया है कि पश्चिम बंगाल एकीकृत रहेगा. यदि मोरचा उनकी मध्यस्थता चाहती है, तो उसे इसके लिए प्रयास करना चाहिए. वह प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह के मौके पर संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
गोजमुमो प्रमुख बिमल गुरुंग की ओर से नारायणन की ‘मध्यस्थता’ की मांग के बारे में जब राज्यपाल से पूछा गया, तो उन्होंने कहा : वे मेरी मध्यस्थता चाहते हैं, तो उन्हें इसके लिए आगे आना चाहिए, लेकिन मैंने यह बात पूरी तरह स्पष्ट कर दी है कि पश्चिम बंगाल राज्य समुद्र से लेकर पर्वत तक फैला हुआ है.
जब उनसे पूछा गया कि क्या तृणमूल सरकार ने उन्हें मध्यस्थता के लिए कोई प्रस्ताव भेजा है तो उन्होंने कहा : मैं नहीं जानता. आप सरकार से ही पूछिये. गौरतलब है कि दार्जिलिंग में अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मोरचा ने बुधवार को राज्यपाल से ‘मध्यस्थता’ की मांग की थी. श्री नारायणन ने इससे पहले कहा था कि वह राज्यपाल हैं, इसलिए मध्यस्थता नहीं कर सकते. लेकिन यदि बिमल गुरंग उनसे संपर्क करते हैं, तो वह उनसे बातचीत के लिए तैयार हैं.