कोलकाता: करोड़ों रुपये का बकाया संपत्ति कर वसूलने पहुंची निगम अधिकारियों व कर्मियों की एक टीम को जान के लाले पड़े गये. लगभग 20 मिनट तक वह एक लिफ्ट में बंद रहे. मामला 15 सी हेमंत बसु सरणी स्थित मर्केटाइल चेंबर नामक इमारत का है. इस छह मंजिली इमारत के मालिक पर निगम का संपत्ति कर के रूप में नौ करोड़ 83 लाख रुपये बकाया है. निगम से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2001-02 से संपत्ति टैक्स का भुगतान नहीं किया गया है. पिछले वर्ष जब निगम ने वेभर स्कीम शुरू किया था.
उस वक्त इस इमारत के मालिक ने इस योजना का लाभ उठा कर बकाया टैक्स का भुगतान करने का आश्वासन दिया था, पर ऐसा नहीं किया. एक महीने पहले भी निगम ने यहां नोटिस भेजा था, पर मामला वही ढाक के तीन पात ही रहा. फलस्वरूप गुरूवार को निगम के राजस्व विभाग के अधिकारियों व कर्मियों की एक टीम वारंट लगाने के लिए लगभग ग्यारह बजे यहां पहुंची. जैसे ही ऊपर जाने के लिए यह लोग मर्केटाइल चेंबर की लिफ्ट में सवार हुए. लिफ्ट कुछ ऊपर जा कर रुक गयी और उसका दरवाजा भी नहीं खुला. यह देख अंदर मौजूद लोगों के होश उड़ गये. उनके साथ स्थानीय हेयर स्ट्रीट थाना के कुछ पुलिस वाले थे. इस दौरान लिफ्ट में फंसे निगम कर्मियों ने बाहर मौजूद अपने साथियों को फोन किया तो उन्होंने बड़ी मुश्किल से लिफ्ट का दरवाजा एक लोहे के टुकड़े से खोल कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला. उन्होंने जानबुझ कर लिफ्ट में फंसाने एवं उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया. इसके बाद निगम कर्मियों एवं इमारत के मालिक के बीच बैठक हुई.
बैठक मे यह तय पाया कि मालिक मकान एक-दो दिन के अंदर निगम को 70 लाख रुपये नकद व 30 लाख का चेक देगा. बाकी रकम 30 दिन के अंदर अदा कर दी जायेगी. इस समझौते के बाद निगम कर्मी वापस लौट गये. इस इमारत में काफी किरायेदार हैं. निगम का कहना है कि अगर उसे पैसे नहीं मिले तो वह स्वयं किरायेदारों से किराया लेने पर भी विचार कर रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार संपत्ति कर के रुप में निगम का 1140 करोड़ रुपया बाकी है. सबसे अधिक महानगर के बिजनिस डिस्ट्रिक्ट इलाके में रकम बाकी है. वार्ड 42-47 एवं 63 व 69 में निगम का करोड़ों फंसा हुआ है. निगम की ओर से अबतक 250 लोगों को नोटिस ऑफ डिमांड जारी किया जा चुका है. कोलकाता नगर निगम कानून 1980 की धारा 14 के अनुसार निगम टैक्स का भुगतान नहीं करने वालों की संपत्ति भी जब्त कर सकता है.