फोटो है कोलकाता. गाय, गंगा और बेटी को संरक्षण प्रदान करें. ये तीनों ही हमारी संस्कृति की आधार शिला है.ये तीनों बचेंगे तभी हमारी संस्कृति भी बची रहेगी. ये बातें मंगलवार को श्री बैकुंठनाथ मंदिर में आयोजित नानी बाई रो मायरो कथा आयोजन के दौरान विदुषी कथा वाचिका जया किशोरीजी (वृंदावन) ने संवादाताओं को संबोधित करते हुए कहीं . उन्होंने कहा कि मौजूदा जरूरतों के मुताबिक हम उसे पूरा करने के लिए प्रयासरत रहें पर समाज की जरूरतों का भी ख्याल रखें. आवश्यक नहीं कि हम अपना सारा समय, सारा धन ही समाज के लिए लगा दें, पर इस बात की जरूरत है कि हम अपने समय और धन का एक हिस्सा समाज की भलाई के लिए जरूर खर्च करें. नानी बाई रो मायरो जैसी कथाएं हमें भक्त और भगवान के बीच अटूट संबंध और विश्वास की बातें कहते है. संपूर्ण भारत में 125 से ज्यादा कथाएं कह चुकीं राधा किशोरीजी ने कहा कि कथा श्रवण और आत्मसात करने वाले व्यक्ति को इन कथाओं से ही जीवन के लिए सटीक मार्गदर्शन मिल जाता है. उन्हें मार्गदर्शन पाने के लिए फिर कहीं और भटकना नहीं पड़ता.वृंदावन से ही आये बलराम कृष्णजी महाराज, मदनमोहन ठाकुर, श्यामसुंदर सिकरिया, अमित अग्रवाल, संतोष खेतान, बासुदेव चौधरी, महेश अग्रवाल सहित अनेकों विशिष्ट व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद थे.
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गाय, गंगा और बेटी को संरक्षण दें: राधा किशोरीजी
फोटो है कोलकाता. गाय, गंगा और बेटी को संरक्षण प्रदान करें. ये तीनों ही हमारी संस्कृति की आधार शिला है.ये तीनों बचेंगे तभी हमारी संस्कृति भी बची रहेगी. ये बातें मंगलवार को श्री बैकुंठनाथ मंदिर में आयोजित नानी बाई रो मायरो कथा आयोजन के दौरान विदुषी कथा वाचिका जया किशोरीजी (वृंदावन) ने संवादाताओं को संबोधित […]
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