संवाददाता, कोलकाता.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रधान मुख्य सलाहकार अमित मित्रा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में सामाजिक क्षेत्र के लिए व्यय बजट का 21.6 प्रतिशत है. उद्योग मंडल मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआइ) की सालाना आम बैठक में मित्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सामाजिक क्षेत्र पर खर्च, वित्तवर्ष 2010-11 के 7,000 करोड़ रुपये से बढ़कर मौजूदा समय में 62,000 करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2017-18 से वित्त वर्ष 2024-25 की अवधि के दौरान, पश्चिम बंगाल से कर संग्रह नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल को वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार, राजस्व संग्रह में से अपना हिस्सा हस्तांतरण के माध्यम से मिल रहा है.’ डॉ मित्रा ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने पूंजीगत व्यय बढ़ाया है, जबकि राजस्व और राजकोषीय घाटे में कमी आई है.
राज्य सरकार ने मझोले और छोटे शहरों में आइटी केंद्र विकसित किये हैं और कोलकाता के पास बानतला में एक विश्व स्तरीय चमड़ा परिसर भी स्थापित किया है. मित्रा के अनुसार, वित्तवर्ष 2024-25 में पश्चिम बंगाल का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 6.80 प्रतिशत बढ़ा, जबकि राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.37 प्रतिशत था. अमेरिकी शुल्क का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि उस देश को निर्यात काफी अधिक है. इस मौके पर आइटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी भी उपस्थित रहे. इस अवसर पर एमसीसीआई के अध्यक्ष अमित सरावगी ने स्वागत भाषण रखा, जबकि वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति ए सुरेका ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
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