10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जब तक जिंदा हूं, बंगाल में डिटेंशन सेंटर नहीं : ममता

कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, तब तक बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू नहीं होगा और न ही कोई डिटेंशन सेंटर बनेगा. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने नैहाटी में एक कार्यक्रम में कहा कि कोई भी, देशवासियों से नागरिकता जैसे उनके अधिकार […]

कोलकाता : राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, तब तक बंगाल में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू नहीं होगा और न ही कोई डिटेंशन सेंटर बनेगा. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने नैहाटी में एक कार्यक्रम में कहा कि कोई भी, देशवासियों से नागरिकता जैसे उनके अधिकार नहीं छीन सकता.

ममता ने सीएए के खिलाफ देशभर में चल रहे छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि यह कैसे हो सकता है कि वे 18 साल की उम्र में सरकार चुनने के लिए मतदान तो करें, लेकिन उन्हें विरोध करने का अधिकार न दिया जाये.सुश्री बनर्जी ने कहा कि जब तक वह जीवित हैं, तब तक बंगाल में सीएए लागू नहीं होगा.
कोई भी देश या राज्य छोड़ कर नहीं जायेगा. बंगाल में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनेगा. उन्होंने कहा कि छात्र काले कानून का विरोध क्यों नहीं कर सकते? केंद्र सरकार प्रदर्शकारी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और उन्हें विश्वविद्यालयों से निष्कासित कर रही है.
जन गण मन ने देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ ने हमेशा देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है. ममता ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया जिन्होंने ‘जन गण मन’ की रचना की थी.

1911 में आज के दिन पहली बार इसे गाया गया था. ममता ने गुरुदेव टैगोर की रचना ‘आमार सोनार बांग्ला’ का भी जिक्र किया जिसे उन्होंने 1905 में अंग्रेजों के बंगाल के विभाजन के विरोध में लिखा गया था. उन्होंने कहा कि बंगाल के विभाजन के खिलाफ टैगोर के विरोध के तरीके ने लोगों को रास्ता दिखाया.
हमारे राष्ट्रगान ने हमें वर्षों से एकजुट किया है और राष्ट्र को प्रेरित. ‘जन गण मन’ पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था. 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा ने गीत ‘भारत भाग्य विधाता’ के पहले हिस्से को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था. ‘आमार सोनार बांग्ला’ को 1971 में बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel