कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ ने हमेशा देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है. ममता ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया जिन्होंने ‘जन गण मन’ की रचना की थी.
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जन गण मन ने देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ ने हमेशा देशवासियों को एकजुट रहने के लिए प्रेरित किया है. ममता ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया जिन्होंने ‘जन गण मन’ की रचना की थी. 1911 में आज के दिन पहली बार इसे गाया गया था. […]
1911 में आज के दिन पहली बार इसे गाया गया था. ममता ने गुरुदेव टैगोर की रचना ‘आमार सोनार बांग्ला’ का भी जिक्र किया जिसे उन्होंने 1905 में अंग्रेजों के बंगाल के विभाजन के विरोध में लिखा गया था. उन्होंने कहा कि बंगाल के विभाजन के खिलाफ टैगोर के विरोध के तरीके ने लोगों को रास्ता दिखाया.
हमारे राष्ट्रगान ने हमें वर्षों से एकजुट किया है और राष्ट्र को प्रेरित. ‘जन गण मन’ पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था. 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा ने गीत ‘भारत भाग्य विधाता’ के पहले हिस्से को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था. ‘आमार सोनार बांग्ला’ को 1971 में बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया था.
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