कोलकाता : राज्यपाल जगदीप धनखड़ मंगलवार को निमंत्रण होने के बावजूद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) एवं राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की मुखालफत कर रहे जादवपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के एक वर्ग के विरोध के चलते विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत नहीं कर सके. विश्वविद्यालय परिसर के गेट नंबर चार के पास राज्यपाल को कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ा. एक घंटा 40 मिनट तक गेट पर इंतजार करने के बावजूद राज्यपाल को दीक्षांत समारोह स्थल तक जाने नहीं दिया गया.
राज्य सरकार के साथ चल रही रस्साकशी के बीच धनखड़ विश्वविद्यालय पहुंचे जहां करीब 50 लोगों ने उनका रास्ता रोक लिया. बताया जा रहा है कि ये लोग तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संघ की शाखा से जुड़ी शिक्षा बंधु समिति के सदस्य थे. धनखड़ आयोजन स्थल तक जाने के लिए जब अपनी कार से उतरे तो प्रदर्शनकारियों ने ‘वापस जाओ’, ‘नो एनआरसी, नो सीएए’ के नारे लगाये.
प्रदर्शनकारियों द्वारा रास्ता रोककर रखने पर राज्यपाल ने कुलपति सुरंजन दास को फोन किया और बाद में उन पर ‘मूक दर्शक’ बने रहने का आरोप लगाया. धनखड़ ने परिसर से रवाना होने से पहले पत्रकारों से कहा : हम यहां पर ऐसी व्यवस्था बने रहने नहीं दे सकते.
पूरी तरह से अराजकता की स्थिति नहीं हो सकती. कानून का शासन पूरी तरह से खत्म हो गया है. उन्होंने कहा कि वह हैरान हैं कि कैसे लोगों का एक छोटा-सा समूह छात्रों के भविष्य को ‘तबाह’ कर सकता है. मंगलवार को हुए इस प्रदर्शन में विद्यार्थी शामिल नहीं थे. कर्मचारियों की ओर से राज्यपाल को काले झंडे व पोस्टर भी दिखाये गये. घटना से नाराज राज्यपाल ने कहा कि जिनको स्थिति को संभालना या कंट्रोल करना चाहिए, वे चुपचाप बैठे हुए हैं.