संवाददाता, कोलकाता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह एक ‘सुपर-आपातकाल’ से भी बड़ा कदम है और यह भारत में लोकतांत्रिक युग को हमेशा के लिए समाप्त कर देगा. उन्होंने इसे हिटलरी बिल बताया और कहा कि इसके माध्यम से जनता के मूल अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों को गंभीर खतरा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बिल केवल एक विधायी प्रावधान नहीं, बल्कि लोकतंत्र के खिलाफ षड्यंत्र है. उन्होंने कहा कि यदि इस बिल को पास किया गया, तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे शीर्ष पदों पर बैठे लोग कोई भी आरोप लगते ही 30 दिनों के लिए जेल में रह सकते हैं, भले ही उन पर किसी अपराध का प्रमाण न हो.
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि यह विधेयक देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खत्म कर देगा. उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार द्वारा आज लोकसभा में पेश किये गये 130वें संविधान संशोधन विधेयक की निंदा करती हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं इसे एक सुपर आपातकाल से भी बड़े, भारत के लोकतांत्रिक युग को हमेशा के लिए समाप्त करने की दिशा में उठाये गये कदम के तौर पर इसकी निंदी करती हूं. यह दमनकारी कदम भारत में लोकतंत्र और संघवाद के लिए खतरे की घंटी है.’ सुश्री बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया, ‘विधेयक का उद्देश्य’ एक व्यक्ति-एक पार्टी-एक सरकार” की प्रणाली को मजबूत करना है. यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे को रौंदता है.
उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए इस विधेयक का हर कीमत पर विरोध किया जाना चाहिए.
संयुक्त संसदीय समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे और यह समिति अपनी रिपोर्ट अगले संसद सत्र के प्रथम सप्ताह के अंतिम दिन तक पेश करेगी.
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