कोलकाता : नीति आयोग की 15 जून को नयी दिल्ली में प्रस्तावित बैठक में न जाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले पर विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार से दूरी बनाना राज्य के हित में नहीं है. इससे राज्य का विकास बाधित होगा. एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमेट्स के पूर्व अध्यक्ष पिनाकी रंजन चक्रवर्ती ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक वजहों से केंद्र सरकार से दूरी बनाना राज्य के हित में नहीं है. भारत-बांग्लादेश के द्विपक्षीय संबंधों को लेकर आयोजित हुई एक परिचर्चा के दौरान उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत की.
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केंद्र सरकार से दूरी बनाना राज्य के हित में नहीं
कोलकाता : नीति आयोग की 15 जून को नयी दिल्ली में प्रस्तावित बैठक में न जाने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले पर विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्र सरकार से दूरी बनाना राज्य के हित में नहीं है. इससे राज्य का विकास बाधित होगा. एसोसिएशन ऑफ इंडियन डिप्लोमेट्स के पूर्व अध्यक्ष पिनाकी रंजन चक्रवर्ती […]
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि राज्यों के विकास के लिए केंद्र सरकार बड़ी मात्रा में धनराशि आवंटित करती है. अगर केंद्र से राज्यों का संबंध तल्खी भरा रहेगा, तो कई परियोजनाओं के लिए आवंटित होनेवाली धनराशि में कमी आयेगी, जिससे राज्यवासियों को कई विकास कार्य और सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा.
इंडियन फॉरेन सर्विस के अधिकारी वीरेंद्र गुप्त ने कहा कि लोकतंत्र की भलाई के लिए केंद्र और राज्य के पारस्परिक संपर्क मधुर होने चाहिए. राजनीतिक मतभेद होते हैं, लेकिन जनता की भलाई को ध्यान में रखते हुए सरकार के प्रतिनिधियों को आपसी रंजिश भूलकर संवैधानिक दायरे में काम करना चाहिए.
मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशिएन स्टडीज के निदेशक शशि कुमार ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच मतभेद रहते हैं. कभी भाषा को लेकर, तो कभी अर्थनीति को लेकर, लेकिन आपसी संबंध अगर हर मौके पर तोड़ लिये जायें, तो इससे नेताओं का तो कुछ बनने और बिगड़ने वाला नहीं है, लेकिन राज्यवासियों का बहुत नुकसान होगा. कई ऐसी बड़ी परियोजनाएं होती हैं, जो गरीब से गरीब और समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगों के लिए बड़े पैमाने पर फायदेमंद होती हैं. किसी भी राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह राज्यवासियों को केंद्र सरकार से मिलनेवालीं सुविधाओं से वंचित रखे. मुख्यमंत्री को इसका ध्यान रखना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को पत्र लिखकर कहा था कि वह आगामी 15 जून को नयी दिल्ली में होनेवाली नीति आयोग की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी.
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