कोलकाता : राजकपूर द्वारा बनाये गये आरके स्टूडियो की स्मृति को समर्पित एक यादगार संगीत संध्या का आयोजन किया गया. ‘परचम’ की ओर से रविवार को कला मंदिर प्रेक्षागृह में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान आरके बैनर के प्रतीक चिन्ह के साथ वहां बनी फिल्मों के पोस्टरों से सुसज्जित मंच की पृष्ठभूमि के समक्ष दो घंटे की संगीत-संध्या के दौरान गायत्री महाराज, स्वागता बनर्जी, विनीत कोठारी, सत्यनारायण तिवारी व विजय ओझा ने आग, आवारा, श्री 420, बरसात, जिस देश में गंगा बहती है, संगम, मेरा नाम जोकर व बॉबी जैसी सुपरहिट फिल्मों के चुनिंदा तीस गीतों की प्रस्तुति कर खूब वाहवाही लूटी.
‘प्यार हुआ एकरार हुआ, ‘आवारा हूं’, ‘जिया बेकरार है’, ‘हवा में उड़ता जाए’, ‘घर आया मेरा परदेशी’, ‘राजा की आयेगी बारात’ ‘मेरा जूता है जापानी’ ‘रमैया वस्ता वइया’, ‘होठों पे सच्चाई’, ‘आ अब लौट चले’ ‘दोस्त दोस्त ना रहा’ जैसे सदाबहार गीतों खूब तालियां बजीं.
‘परचम’ के संस्थापक मुकुंद राठी ने आरके स्टूडियो के इतिहास से अवगत कराते हुए कहा कि परचम की ओर से स्टूडियो खरीदने वाले गोदरेज परिवार से वहां एक स्मारक बनाने का निवेदन किया जायेगा. श्रीमती शीतल मोहता ने कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन किया. हरिकृष्ण चौधरी, बिट्ठलदास मुंधड़ा, दाऊलाल बिन्नानी, शिवदयाल व्यास,भानीराम सुरेका, महावीर रावत, बिमल केजरीवाल, जितेंद्र चौधरी, श्रीमती शांता सारडा आदि अनेकों समाज के अग्रणी लोग आयोजन की शोभा बढ़ा रहे थे.