कोलकाता : चार समलैंगिक महिलाओं के वैवाहिक संबंध को परिवार द्वारा बाधा पहुंचाये जाने के आरोप के बाद मामला कलकत्ता हाइकोर्ट पहुंचा है. मंगलवार को हाइकोर्ट की अवकाशकालीन बेंच के न्यायाधीश प्रतीक प्रकाश बंद्योपाध्याय ने मामला को ग्रहण किया है और इसकी सुनवाई 30 मई को निर्धारित की है.
सभी पक्षों को उस दिन हलफनामा पेश करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उनका यह भी निर्देश है कि हमले की आशंका के मद्देनजर पुलिस को सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी. मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ताओं के वकील दीपंकर पाल ने कहा कि आशंका है कि परिवार अपने सम्मान की रक्षा के लिए महिलाओं की हत्या भी कर सकता है.
उन्होंने बताया कि श्रीरामपुर की विदिशा बंद्योपाध्याय (नाम परिवर्तित) के साथ पिछले डेढ़ वर्षों से रीजेंट पार्क थाना इलाके की कॉल सेंटर कर्मचारी रिया सेन (नाम परिवर्तित) का संबंध कायम हुआ. दोनों ने शादी का फैसला लिया और विदिशा, रिया के घर आ गयी. तभी से दोनों साथ हैं. रिया के पिता का हाल ही में निधन हुआ है. घर में मां और भाई है. इधर विदिशा का आरोप है कि उनके पिता और भाई संबंध को तोड़ने के लिए लगातार धमकियां दे रहे हैं. कोलकाता पुलिस मुख्यालय, लालबाजार से भी एक पुलिसकर्मी फोन पर धमकियां दे रहे हैं.
उन्हें अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है. उन्हें ऑनर किलिंग का खतरा सता रहा है. हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप न करने पर दोनों महिलाएं कलकत्ता हाइकोर्ट पहुंची हैं. अदालत ने घर के सामने पुलिस पिकेट बैठाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. ऐसा ही मामला आनंदपुर इलाके का भी है. उनके भी वकील दीपंकर पाल हैं. यहां भी एक महिला का संबंध दूसरी महिला के साथ हुआ है. दोनों महिलाओं पर घरवालों द्वारा अत्याचार किए जाने का आरोप है. अदालत ने इन दोनों महिलाओं की भी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.