हावड़ा हाइकोर्ट में वकीलों पर लाठीचार्ज का मामला
पूर्व न्यायाधीश कल्याण ज्योति सेनगुप्ता के नेतृत्व में एक सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी
तीन माह के अंदर रिपोर्ट देगी कमेटी
अधिवक्ताओं के खिलाफ दायर एफआइआर पर लगा स्थगन
कोलकाता : हावड़ा अदालत परिसर में पार्किंग विवाद को लेकर अधिवक्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के मामले में न्यायाधीश विश्वनाथ समादार एवं न्यायाधीश अरिंदम मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने पूर्व न्यायाधीश कल्याण ज्योति सेनगुप्ता के नेतृत्व में एक सदस्यीय न्यायिक जांच कमेटी का गठन करने की घोषणा की.
यह कमेटी तीन माह के अंदर रिपोर्ट देगी. कलकत्ता हाईकोर्ट में स्वत: दायर मामले की सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने कहा कि जिन अधिवक्ताओं के खिलाफ एफआइआर दायर किया गया था, उस पर फिलहाल स्थगन लगा दिया गया है. उन एफआइआर पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी.
इसके अतिरिक्त वकीलों द्वारा दायर मामले में आरोपी हावड़ा के सात पुलिस अधिकारियों को फिलहाल कोई कार्य से युक्त नहीं रखने या हावड़ा से अन्य स्थानांतरण का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही खंडपीठ ने निर्देश दिया कि आपात स्थिति के समय हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल तथा जिला न्यायाधीश की अनुमति के बिना कोई भी पुलिसकर्मी अदालत परिसर में प्रवेश नहीं कर पायेगा. उल्लेखनीय है कि हावड़ा अदालत परिसर में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में पुलिस पर अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज करने तथा आंसू गैस के गोले छोड़ने के आरोप लगे थे.
इस घटना के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट सहित राज्य के अन्य अदालतों के अधिवक्ता 24 अप्रैल से काम बंद कर रखा है. इस कारण न्यायायिक मामले में काफी असुविधा हो रही है. लाठीचार्ज की घटना के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई शुरू की थी. उसके बाद भी अधिवक्ताओं का काम बंद ही था. दूसरी ओर बार एसोसिएशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार अदालत में अधिवक्ताओं के कामकाज शुरू करने के संबंध में कोई भी निर्णय 24 मई को लिया जायेगा.