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कोलकाता : सरकारी नियंत्रणवाले 85 फीसदी एयरपोर्ट घाटे में, मुनाफा कमाने में कोलकाता एयरपोर्ट दूसरे स्थान पर

कोलकाता : हाल के वर्षों में हवाई यातायात सेवा में काफी विस्तार हुआ है, फिर भी अभी मांग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर है. सरकार के सामने सुविधा बढ़ाने के साथ ही इस सेवा को लाभजनक बनाये रखने की बड़ी चुनौती है. देश में भले ही विमान यात्रियों की संख्या हर महीने नया रिकॉर्ड […]

कोलकाता : हाल के वर्षों में हवाई यातायात सेवा में काफी विस्तार हुआ है, फिर भी अभी मांग और आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर है. सरकार के सामने सुविधा बढ़ाने के साथ ही इस सेवा को लाभजनक बनाये रखने की बड़ी चुनौती है. देश में भले ही विमान यात्रियों की संख्या हर महीने नया रिकॉर्ड बना रही हो, लेकिन देश के हवाईअड्डों को इसका बहुत फायदा मिलता नहीं दिख रहा.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित 107 सक्रिय हवाई अड्डों में से 92 हवाईअड्डे घाटे में हैं. सिर्फ 15 हवाईअड्डे ही मुनाफे में हैं. इनमें से सभी बड़े शहरों के हवाईअड्डे हैं. सरकार के लिए राहत की बात यह जरूरत है कि इन 15 एयरपोर्ट द्वारा कमाया जाने वाला मुनाफा शेष 92 एयरपोर्ट के कुल घाटे से कहीं ज्यादा है.
देश में कुल 126 हवाई अड्डे हैं. इनसें से तीन दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद के एयरपोर्ट निजी-सार्वजनिक भागीदारी के तहत संचालित हैं. शेष 123 हवाईअड्डों का संचालन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण करता है. इन हवाईअड्डों में से चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद और लखनऊ समेत 15 हवाईअड्डे ही ऐसे में हैं, जो मुनाफा कमा रहे हैं.
शेष 92 हवाईअड्डे जिसमें इंदौर, भोपाल, मेंगलुरु और रायपुर हैं जो अच्छे खासे घाटे में चल रहे हैं. सबसे अधिक मुनाफा चेन्नई एयरपोर्ट से हो रहा है, जिसने वर्ष 2017-18 में 455.4 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.
हालांकि यह मुनाफा इसी एयरपोर्ट के पिछले साल के मुनाफे 605.2 करोड़ रुपये से करीब 25 फीसदी कम है.
हवाइअड्डों को पीपीपी में देने की हो सकती है पहल
यात्री संख्या बढ़ाने पर जोर
वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही वर्तमान सरकार ने विमान यात्रियों की संख्या बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है. इन प्रयासों में सबसे प्रमुख उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना रही है. इससे छोटे शहरों में भी विमान सेवाएं शुरू हुई हैं.
सरकार के इन प्रयासों के कारण वर्ष 2014-15 में देश के घरेलू विमान यात्रियों की संख्या जहां सात करोड़ थी, वह 2017-18 में बढ़कर 11.7 करोड़ के पार पहुंच गयी. केंद्रीय कैबिनेट ने इसी महीने अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु के हवाईअड्डों को पीपीपी में देने की मंजूरी दी है.
सबसे अिधक घाटा मेंगलुरु एयरपोर्ट को
कोलकाता का एयरपोर्ट मुनाफा कमाने के मामले में दूसरे स्थान पर है. इस एयरपोर्ट ने बीते वित्त वर्ष में 411.1 करोड़ रुपये की कमाई की. वहीं, सबसे अधिक नुकसान में मेंगलुरु रहा, जहां 74 करोड़ नुकसान हुआ. दिल्ली का सफदरजंग हवाईअड्डा 71 करोड़ के नुकसान के साथ दूसरे स्थान पर हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
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