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कोलकाता : राममंदिर पर अध्यादेश लाना ठीक नहीं , मुसलमानों को भी मिलना चाहिए हक : आठवले

कोलकाता : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर साधु संतों के बन रहे दबाव के बीच राजग के घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि राम मंदिर का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय में […]

कोलकाता : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर साधु संतों के बन रहे दबाव के बीच राजग के घटक दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के अध्यक्ष व केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि राम मंदिर का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है और जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय में अगली सुनवाई है. सभी को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार करना चाहिए. यह मामला बहुत ही संवेदनशील है. समाज की भावना को ध्यान में रखते हुए किसी का कानून हाथ में लेना ठीक नहीं है.
हिंदू और मुस्लिम को आपस में बैठकर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां अभी राम मंदिर की बात कही जा रही है, पहले वहां बौद्ध मंदिर था. शंकराचार्य ने जब हिंदू धर्म का पुनरुद्धार किया, उस समय बौद्ध मंदिर की जगह वहां मंदिर बना तथा मुगलों ने मंदिर की जगह मस्जिद बनवाया था. उन्होंने कहा कि कुल 66 एकड़ जमीन है.
इसमें 40-45 एकड़ जमीन पर राम मंदिर बने. 15 से 20 एकड़ पर कोई मुस्लिम यूनिवर्सिटी या प्रशिक्षण केंद्र बने. मुसलमानों को भी हक मिलना चाहिए. दबाव डालना ठीक नहीं है. मंदिर बनाने के लिए कानून हाथ में लेना ठीक नहीं है. वहीं रानी रासमनि एवेन्यू में आरपीआइ (ए) द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के भूमिहीनों को राज्य सरकार पांच-पांच एकड़ जमीन दे तथा बांग्लादेश से भारत आये शरणार्थियों की समय सीमा 1971 से आगे बढ़ा देना चाहिए तथा पीड़ित लोगों को भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए.
असम में बंगालियों की हत्या पर भाजपा का किया बचाव
केंद्रीय मंत्री ने असम में पांच बंगालियों की हत्या किये जाने पर भाजपा सरकार का बचाव करते हुए कहा कि हत्या के लिए कोई सरकार दोषी नहीं है. कोई सरकार नहीं चाहती है कि उनके राज्य में किसी की हत्या की जाये. कांग्रेस के शासन में भी उल्फा ने कई लोगों की हत्या की थी. ममता की सरकार भी यह नहीं चाहती है.
उन्होंने कहा कि असम में हुए पांच बंगालियों की हत्या किये जाने की कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं, लेकिन इस मुद्दे को लेकर राजनीति करना उचित नहीं है. उन्होंने असम सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार से पीड़ित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को पांच-पांच लाख रुपये देने की मांग की.
उग्रवाद छोड़ मूख्यधारा में लौटें नक्सली व उग्रवादी
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर हिंसा के विरोधी थे. मानव द्वारा मानव की हत्या ठीक नहीं है. उन्होंने नक्सलवाद और माओवाद का विरोध किया था. युद्ध को छोड़ कर उन्होंने बुद्ध को अपनाया था. युद्ध से नहीं बुद्ध से ही शांति आयेगी. नेपाल के माओवादी नेता प्रचंड माओवाद छोड़ कर प्रजातांत्रिक व्यवस्था को अपनाया था और नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे.
उल्फा, माओवादी व नक्सलियों से वह अनुरोध करते हैं कि वे हिंसा का मार्ग छोड़ दें और शांति का मार्ग से विकास की बातें करें. हिंसा के रास्ते से दलित और आदिवासियों को न्याय नहीं मिलेगा. उन्हें प्रजातांत्रिक व्यवस्था में लौटनी चाहिए और सत्ता में आकर दलितों व आदिवासियों के विकास के लिए काम करें, तभी वे सचमुच विकास कर पायेंगे.
आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण को मिले आरक्षण
सवर्ण जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को भी आरक्षण मिलना चाहिए. पहले लोग खुद को पिछड़ कहने में अपमान समझते थे, लेकिन अब लोग खुद ही पिछड़े कह रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए 50 फीसदी तक के आरक्षण का प्रावधान है.
वर्तमान कानून के अनुसार और आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. केंद्र सरकार इस बाबत संविधान में संशोधन करे और सवर्ण जातियों के अार्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 25 फीसदी आरक्षण का प्रावधान करें और इस बाबत केंद्र सरकार को निर्णय लेना चाहिए और यह निर्णय देश हित में होगा.
फाल्गू-निरंजना नदी को लेकर बने प्राधिकरण
हिंदू व बौद्ध की पवित्र नदी फाल्गू-निरंजना की स्थित बहुत ही दयनीय है. बोध गया में ही गौतम बुद्ध को ज्ञान मिला था, लेकिन इस नदी की स्थिति बहुत ही दयनीय है. इस बाबत उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात की थी. 18 अक्तूबर को प्रसिद्ध बौद्ध भिक्षु व मध्य एवं दक्षिण भारत में बुद्ध अवशेष बचाओ अभियान के प्रणेता भंते तिस्सावरो के साथ नागपुर में मिल कर उन्हें ज्ञापन भी दिया था तथा प्राधिकरण गठन करने की मांग की थी.
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर जल संसाधन मंत्री रहते हुए नदियों को जोड़ने का काम किया था. उन्होंने कहा कि यदि नदियां जुड़ती हैं तो इससे देश को फायदा होगा. जिस नदी में पानी नहीं है वहां पानी पहुंच पायेगा. जहां अत्यधिक पानी है वहां बाढ़ से राहत मिलेगी. फाल्गू नदी पर प्राधिकरण बनने व इसकी साफ-सफाई से पर्यावरण अच्छा होगा तथा काफी लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
मैथन में बने अांबेडकर की मूर्ति व संग्रहालय
डॉ अंबेडकर के जल संसाधन मंत्री रहने के दौरान ही डीवीसी में कई बांध बनाये गये थे. डॉ अंबेडकर कई बार बंगाल आये थे. उनका इस बांध को बनाने में काफी योगदान है. इस बांध के पास उनकी मूर्ति बनायी जाये और मछलियों को लेकर एक संग्रहालय बनाये जायें, ताकि आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को याद रखें. इस बाबत वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करेंगे.
वंचित समुदायों के प्रति भेदभाव समाप्त हो : अाठवले
कोलकाता. केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने देश भर में समाज के वंचित समुदायों के प्रति हर तरह का भेदभाव व अन्याय समाप्त करने का आह्वान किया है. आज यहां राज्य प्रशासन के संबद्ध विभागीय कल्याण अधिकारियों तथा विभिन्न पक्षों के प्रतिनिधियों की बैठक में श्री अाठवले ने यह अपील की.
उन्होंने कहा कि इन वर्गों और खासकर दिव्यांगजनों तथा अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा का दमन कड़ाई से करना होगा. श्री आठवले ने कहा है कि देश के सभी नगारिकों को माओवदी, नक्सली और अल्फा नरसंहार सहित हर तरह की हिंसा रोकने के लिए एकजुट होना पड़ेगा. इस संदर्भ में बाबा साहब अंबेडकर के दर्शन व विचारों का हवाला देते हुए श्री आठवले ने कहा कि वे हमेशा अहिंसा के पक्ष में डटे रहे.
कार्य क्षमता में दिव्यांगजनों को सामान्य लोगों से अधिक सक्षम बताते हुए उन्होंने कहा कि देश की कुल जनसंख्या के 2.21 प्रतिशत लोग विशेष रूप से सक्षम हैं. उनकी तादाद करीब 2.68 करोड़ है. उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से उनके कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यों का ब्यौरा भी दिया.
Prabhat Khabar Digital Desk
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