साइबर क्राइम की बढ़ती वारदातों से सरकार चिंतित
कोलकाता : महानगर में साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ रही हैं. इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने यहां साइबर पुलिस थानों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है. राज्य के गृह विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पांच साइबर पुलिस थानों का गठन किया जायेगा. फिलहाल राज्य में कोलकाता पुलिस मुख्यालय लाल बाजार में खुफिया विभाग के अधीन एक मात्र साइबर क्राइम थाना है, इससे यहां के सभी साइबर क्राइम के मामलों की जांच करने में काफी परेशानी होती है.
बंगाल में प्रत्येक दिन साइबर क्राइम की संख्या बढ़ रही है, इसलिए साइबर क्राइम की घटनाओं को रोकने के लिए अलग से थाना बनाने की योजना बनायी है. फिलहाल राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित पुलिस कमिश्नरेट में यह साइबर थाने खोले जायेंगे और भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी इसका विस्तार किया जायेगा. पहले चरण में हावड़ा, बैरकपुर, आसनसोल, सिलीगुड़ी व सॉल्टलेक में साइबर थानों का गठन किया जायेगा. हालांकि गृह विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल यहां पांच साइबर थानों की स्थापना तो की जायेगी, लेकिन नये सिरे का यहां कोई पद नहीं बनाया जायेगा. वहां ड्यूटी कर रहे अधिकारियों में से कुछ लोगों को साइबर पुलिस स्टेशन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जायेगा.
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार, वर्ष 2012 में राज्य में साइबर क्राइम की संख्या में करीब 355.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पूरे देश में साइबर क्राइम में कोलकाता शहर का स्थान चौथा है, जबकि इसे रोकने के लिए संसाधन न मात्र में उपलब्ध हैं. पहले साइबर क्राइम के मामले में व्यक्तिगत विवाद या छोटे ग्रुप का ही नाम सामने आता था, लेकिन अब स्थिति बदल गयी है.
अब इसमें बड़े संगठनों के नाम भी सामने आ रहे हैं. कोलकाता पुलिस के पास साइबर क्राइम के तहत पहले हैकिंग व कंप्यूटर के लापता या क्षतिग्रस्त किये जाने का मामला दर्ज किया जाता था, लेकिन अब तो इसमें महिलाओं को प्रताड़ित करने व सोशल नेटवर्किग साइट पर महिलाओं के खिलाफ किये जा रहे अभद्र टिप्पणियां संबंधी शिकायतों में भी लगातार वृद्धि हो रही है. इसके साथ ही ऑनलाइन लॉटरी फ्रॉड व धोखाधड़ी के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए इसे रोकने के लिए नये साइबर थानों का गठन जरूरी है.