कोलकाता. पुरुलिया के बलरामपुर में भाजपा के युवा कार्यकर्ता त्रिलोचन महतो की हत्या की जांच कर रही सीआइडी ने अपनी पहली रिपोर्ट कलकत्ता हाइकोर्ट में पेश की है. मामले की जांच कर रही सीआइडी ने अभी और वक्त की मांग कर रही है. उल्लेखनीय है कि त्रिलोचन महतो की हत्या का मामला देश भर में चर्चा का विषय बना था. अपने कार्यकर्ता की हत्या से नाराज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मृतक के परिवार से भी मिलने गये थे. इसके बाद त्रिलोचन के पिता की ओर से हाइकोर्ट में मुकदमा दायर कर मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की थी. हालांकि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीआइडी से कराने का एलान कर दिया था.
इसे गैरजरूरी बताते हुए राज्य के एडवोकेट जनरल अभ्रतोष मजूमदार ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट पेश करते हुए जांच के लिए छह से आठ हफ्ते का और वक्त मांगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर मृतक त्रिलोचन महतो के पिता हरिराम महतो और उनके परिवार को पुलिस की सुरक्षा मुहैय्या करायी गयी है. हालांकि हरिराम महतो के वकील ने एडवोकेट जनरल के इस बयान को गलत बताते हुए कहा है कि सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान हरिराम महतो के वकील पार्थसारथी सेनगुप्ता और प्रियंका टिबड़ेवाल ने कहा था कि उनके मुवक्किल द्वारा सीबीआइ जांच की मांग करते ही सीआइडी थोड़ी हरकत में आती हुए इस हत्याकांड में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. लिहाजा वे सीआइडी की जांच प्रक्रिया के बारे में जानना चाहते हैं.
जरूरत पड़ी, तो मामले की सुनवाई 15 दिनों के लिए स्थगित रखी जा सकती है. इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि अभी तो सीआइडी ने मामला शुरू ही किया है, लिहाजा अभी वक्त लगेगा. इसकी सीबीआइ जांच की जरूरत ही क्या है. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद न्यायाधीश तपोव्रत चक्रवर्ती ने 27 जुलाई को सीआइडी को रिपोर्ट देने के आदेश दिया था. इस आधार पर सीआइडी ने अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट उच्च अदालत के सामने पेश किया.
गौरतलब है कि 30 मई को भाजपा कार्यकर्ता त्रिलोचन महतो का शव मिला था. हत्या के बाद हत्यारों ने उसकी टी शर्ट पर लिखा था कि 18 साल की उम्र में भाजपा की राजनीति ….. आज तुम्हारी जिंदगी खत्म. चूंकि जंगल महल में भाजपा ने पंचायत चुनाव में बेहतर नतीजे लायी थी. इसलिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व का पूरा ध्यान इस तरफ था. लिहाजा मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा. खुद प्रदेश भाजपा ने इस मामले को सीबीआइ से जांच कराने की मांग पर हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.