मौत का सफर l 14 साल में बारह दुर्घटनाएं, 42 से ज्यादा मौत, फिर भी सबक नहीं
जलमार्ग से रोजाना सफर करते हैं सैकड़ों यात्री
मनोरंजन सिंह
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में नौका डूबने की कई घटनाएं होने के बावजूद प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया और ना ही लोग जागरूक हुए हैं. रोजाना सैकड़ों लोग बिना किसी सुरक्षा के भुटभुटी (नाव) की सवारी कर रहे हैं.
ये यात्री कभी भी हादसे का शिकार हो सकते हैं. राज्य सरकार द्वारा कुछ रूटों में नौका से सफर के दौरान लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत दी गयी है. लेकिन लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं. हावड़ा के बेलूड़ मठ-दक्षिणेश्वर-बरानगर, मानकुर-बाक्सी-गदियारा, हुगली, उत्तर 24 परगना, बर्दवान, मालदह, दक्षिण 24 परगना, पुरुलिया, मुर्शिदाबाद, पूर्व मिदनापुर समेत कई जिलों में लोग भुटभुटी से सफर करते हैं.
14 साल में 42 से अधिक लोगों की गयी जान : 14 वर्ष में नाव डूबने से 42 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. वर्ष 2003 से 2017 तक की घटनाओं पर गौर करें तो पता चलेगा कि कई लोगों की मौत हुई है और कई लोग लापता हैं. इसके बावजूद लोगों ने सबक नहीं लिया. कई जगहों पर संसाधनों की कमी, तो कहीं यात्रियों की लापरवाही से भुटभुटी की सवारी जारी है.
बिना लाइफ जैकेट के सफर करते हैं यात्री : हुगली में हुए हादसे के बाद प्रशासन ने लोगों को लाइफ जैकेट देने की पहल शुरू की. सेवड़ाफुली से बैरकपुर रूट में नौका से यात्रा करने वाले लोगों को लाइफ जैकेट दिये जाते हैं, लेकिन यात्री पहनने से इंकार कर देते हैं. एक कर्मचारी ने बताया कि 50 यात्री में पांच यात्री ही जैकेट लेते है. वह भी नौका में ही फेंक देते हैं. लोग खुद अपनी सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतते हैं.
नौका में क्षमता से अधिक यात्री होते हैं सवार
लाइफ जैकेट नहीं पहननेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी
बंगाल में नाव डूबने की घटनाओं पर राज्य सरकार विचार कर रही है. परिवहन विभाग जल्द ही कुछ योजनाओं को कार्यान्वित करेगा. फिलहाल अभी कुछ जगहों पर लाइफ जैकेट के इस्तेमाल के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जरूरत पड़ने पर जैकेट का इस्तेमाल अनिवार्य करने के लिए नियम लागू किया जायेगा. तब लाइफ जैकेट नहीं पहननेवालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
शुभेंदु अधिकारी, परिवहन मंत्री
ये है चिंता के विषय
नौका में क्षमता से अधिक यात्रियों का चढ़ना
लाइफ जैकेट का सही इस्तेमाल नहीं होना
कुछ जगहों पर लाइफ जैकेट नहीं मिलना
आपात स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था का ना होना
पुरानी भुटभुटी की बदहाल स्थिति
बड़ी नौका की क्षमता-लगभग 45 क्विंटल
छोटी नौका की क्षमता-लगभग 25 क्विंटल
अब तक हुई दुर्घटनाएं
06 अक्तूबर 2003 : मुर्शिदाबाद के नवादा में कैनल में नौका डूबने से तीन की मौत
03 जनवरी 2010 : पूर्व मिदनापुर में रुपनारायण नदी में नौका डूबने से 15 लापता
31 अक्तूबर 2010: दक्षिण 24 परगना के मुरीगंगा में नौका डूबने से 18 की मौत
19 जनवरी 2011: बेलूड़ से दक्षिणेश्वर जा रही 50 यात्रियों से भरी नौका डूबी, दो लापता
12 मई 2012: कोन्ननगर के नजदीक शकुंतला कालीबारी घाट के पास नौका डूबने से दो की मौत
02 मार्च 2013 : पुरुलिया में दामोदर नदी में नौका डूबने से चार की मौत
17 मार्च 2013 : दक्षिण 24 परगना के पुजाली इंदिरा घाट से चली नौका नेपाली घाट के पास पलटी, तीन की मौत
15 जून 2013 : मालदा के धर्मपुर घाट के पास नौका दुर्घटना में नौ की मौत
3 नवम्बर 2014 : बाजे कदमतल्ला घाट के पास वाटर टैक्सी पलटी, एक की मौत
15 मई 2016 : बर्दवान के कलना से नदिया के शांतिपुर आ रही नौका पलटी, एक की मौत
26 अप्रैल 2017 : हुगली भद्रेश्वर तेलनीपाड़ा के पास जेटी टूटी, तीन की मौत
18 मई 2017 : मालदा के शिमुलतल्ला में नौका पलटने से तीन की मौत
