कोलकाता : महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में सड़ा हुआ मांस की बिक्री पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाखुश हैं और उन्होंने गृह विभाग को आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही गृह विभाग ने सभी जिलों के जिला पुलिस अधीक्षक व पुलिस कमिश्नरेट के आयुक्तों को उनके क्षेत्र के प्रत्येक थाने में नजरदारी बढ़ाने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार ने इस घटना के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का फैसला किया है. इस घटना के पीछे जिन-जिन लोगों का हाथ है, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया जा चुका है.
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मटन के नाम पर सप्लाई किये गये मांस में बिल्ली-कुत्ते के मांस भी, जानें कहां का है मामला
कोलकाता : महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में सड़ा हुआ मांस की बिक्री पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाखुश हैं और उन्होंने गृह विभाग को आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही गृह विभाग ने सभी जिलों के जिला पुलिस अधीक्षक व पुलिस कमिश्नरेट के आयुक्तों को […]
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता से सटे बजबज में मृत पशुओं के मांस के कारोबार का भंडाफोड़ छोटा लग रहा था, लेकिन बुधवार से लेकर शुक्रवार तक लगातार पुलिस की छापेमारी के बाद पशुओं के मांस के विशाल अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. जब महानगर के राजाबाजार से सटे नारकेलडांगा स्थित एक कोल्ड स्टोरेज में छापेमारी की गई तो वहां से कचरा डंपिंग ग्राउंड (भगाड़) में फेंके हुए मृत पशुओं के 20 टन पैकेट बंद मांस मिले हैं. शुक्रवार को इस मामले में दमदम इलाके से दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. एक फास्ट फूड की दुकान में सड़े गले मांस की आपूर्ति करने के दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. सुबह 10 बजे दमदम एयरपोर्ट से सटे पुलिस एवेन्यू से लगभग 100 किलो मांस बरामद किया गया है.
20 हजार किलो मांस जब्त
पुलिसिया जांच में पता चला है कि इन मांसों को केमिकल के जरिये रंग बदलने और ताजे मांस में मिलाकर महानगर व आसपास के इलाकों में आपूर्ति की जा रही थी. इस मांस के गोरखधंधे के सरगना की बिहार के नवादा से गिरफ्तारी के बाद बीती रात दक्षिण 24 परगना जिला व कोलकाता पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही कोल्ड स्टोरेज में रखे 20 हजार किलोग्राम मांस बरामद किया. कोल्ड स्टोरेज को सील कर दिया गया है. जब्त मांस में बिल्ली-कुत्ते के भी मांस होने की बात गिरफ्तार सरगना ने स्वीकारी है. पुलिस ने कोल्ड स्टोरेज के मालिक को भी गिरफ्तार किया है.
महानगर के अलावा विदेशों में भी में भेजे जाते थे मांस
पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि आरोपितों ने पूछताछ में बताया है कि कोलकाता के अलावा हावड़ा व हुगली में भी इन मांसों की आपूर्ति की जा रही थी. इसके जांच अधिकारियों का मानना है कि राष्ट्रीय राजमार्गो पर स्थित विभिन्न ढावा में भी यह मांस आपूर्ति की जा रही थी. इसके अलावे बाजार में फ्रॉजेन पैकेट बंद मांस बेचा जा रहा था. जब्त मांस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज कर यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर बरामद मांस किन जानवरों व पशुओं के हैं.
जांच में अब तक नहीं मिली मिलावट की शिकायत : अतिन घोष
बजबज डंपिंग ग्राउंड से मृत पशुओं के सड़े गले मांस को बाजार में बेचा जा रहा है. वहीं गुप्त सूचना के अाधर पर पुलिस मे न्यू टाउन के एक पोल्ट्री फार्म से 20 सड़े मुर्गे- मुर्गियों के मांस जब्त किये हैं. बताया जा रहा है मांस को होटल व रेस्तरांओं में सप्लाई किया जाता था. वहीं बजबज कांड के बाद ऐसी खबरें आ रही हैं कि कोलकाता नगर निगम के धापा डंपिंग ग्राउंड से भी मृत पशुओं को उठा कर उसके मांस को चोरी छुपे बाजार में सप्लाई किया जा रहा है. निगम के मेयर परिषद सदस्य (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने ऐसे सभी आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा : धापा ग्राउंड की देख-रेख के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. वहीं कर्मचारियों के प्रवेश के लिए पहचान पत्र दिया गया है. बगैर पहचान पत्र के कोई भी यहां प्रवेश नहीं कर सकता है. यहां तक कि निगम के मेयर परिषद सदस्यों को पहचान पत्र को दिखा कर ही प्रवेश करने दिया जाता है. ऐसे में मृत पशु के शव को बाहर लाना संभव ही नहीं. वहीं लावारिस शव को जलाने के लिए धापा में शवदाह गृह है. व्यक्ति अथवा पशुओं के शव को जलाने के बाद राख के मिट्टी में डाल दिया जाता है.
बेफ्रिक होकर खायें मांस
श्री घोष ने कहा कि बजबज कांड के बाद हम सक्रिय हो गये हैं. सियालदह, एमजी रोड समेत कई इलाकों में अभियान चला कर चिकन व मटन के नमूने को संग्रह किये गये है. अब तक हमें मांस में किसी प्रकार की मिलावट की शिकायत नहीं मिली है. यहां किसी बाजार या दुकान से हमें सड़े मांस भी नहीं मिले हैं. ऐसे में महानगर के लोग नि:संकोच मांस खाये. विदित हो कि फॉर्मेलिन की जांच के लिए कुछ दिनों पहले भी निगम ने महानगर में अभियान चला कर कई जगहों से चिकन के नमूनों को संग्रह किया था. जांच के बाद पाया गया कि महानगर में मांस को सड़ने से बचाने के लिए फॉर्मेलिन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जो निगम के लिए राहत की खबर थी.
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