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बोले दिलीप घोष- आतंक के साये में विरोधी दल लड़ रहे पंचायत चुनाव

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है. विरोधी दलों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. आशंका है कि पंचायत चुनाव के दौरान जम कर हिंसा हो सकती है. यह आरोप लगाते हुए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष […]

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है. विरोधी दलों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है. उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. आशंका है कि पंचायत चुनाव के दौरान जम कर हिंसा हो सकती है. यह आरोप लगाते हुए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा. प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल को अपनी चिंताओं से भी अवगत कराया. प्रतिनिधिमंडल में दिलीप घोष, मुकुल राय, शमिक भट्टाचार्य, प्रताप बनर्जी और अन्य नेता शामिल रहे.

दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. इस परिस्थिति में हम चुनाव लड़ने जा रहे हैं. चूंकि भाजपा, तृणमूल कांग्रेस की आंख में आंख डालकर चुनाव लड़ रही है, इसलिए उसके कार्यकर्ताओं पर ज्यादा हमले हो रहे हैं. यह लोकतंत्र में कल्पना के बाहर है. यही बंगाल की वास्तव स्थिति है. राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल से बात करने के बाद राज्य के मुख्य सचिव व गृह सचिव से बात करने का आश्वासन दिया. बुधवार को वह राज्य चुनाव आयोग से भी बैठक करेंगे.

श्री घोष ने कहा कि राज्यपाल ने भरोसा दिया है कि वह चुनाव आयोग को कहेंगे कि राज्य में नामांकन प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से हो, यह व्यवस्था हो. चुनाव आयोग ने भी राज्यपाल से मुलाकात करने का वक्त मांगा था. बुधवार को दोनों की बात होगी. दिलीप घोष ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से चुनाव शांतिपूर्ण हो यह जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है, इसे वह बतायें. राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए केंद्रीय बल की मांग की थी, लेकिन राज्य सरकार राजी नहीं हुई.

आज राज्यपाल व राज्य चुनाव आयोग की बैठक
राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के साथ बुधवार को राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिंह की बैठक होगी. राजनीतिक हलकों में इस बैठक को काफी अहम मानी जा रही है. राजभवन के सूत्रों के मुताबिक राज्य चुनाव आयोग ने राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए समय मांगा था. इसके आधार पर राज्यपाल ने उन्हें बुधवार की दोपहर 12 बजे का वक्त दिया है. गौरतलब है कि पंचायत चुनाव की तिथि की घोषणा के बाद से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों से राजनीतिक हिंसा की खबरें आ रही हैं. विरोधी दल भी सत्तापक्ष पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं. कुछ जगहों पर तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबजी को लेकर भी हिंसक झड़पे हो रही हैं.
चुनाव आयोग के दफ्तर के सामने आज धरना देगी भाजपा
राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर में ही नामांकन पत्र जमा लेना होगा. इस मांग को लेकर बुधवार को भाजपा समर्थक राज्य चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठेंगे. भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जब वे स्थानीय स्तर पर नामांकन पत्र दाखिल करने जा रहे हैं, तो उन पर हमले हो रहे हैं. नामांकन पत्र लेने व जामा करने से रोका जा रहा है. लिहाजा वे नामांकन पत्र लेकर धरना पर बैठेंगे. उनकी मांग होगी कि नामांकन पत्र इसी दफ्तर में जमा करने दें या उनका नामांकन फार्म वापस लें. भारतीय जनता युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष सुनील सोनकर ने बताया कि राज्य में जिस तरह से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, उससे वे चिंतित हैं. वे चाहते हैं कि जमीनी सच्चाई को देखते हुए राज्य चुनाव आयोग अपना संवैधानिक फर्ज अदा करे.

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